भोपाल : कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता दिग्विजय सिंह भोपाल संसदीय सीट से चुनाव लड़ेंगे, जिसकी घोषणा मध्‍य प्रदेश के मुख्‍यमंत्री कमलनाथ ने शनिवार को की। उन्‍होंने संवाददाताओं से बातचीत के दौरान कहा कि केंद्रीय चुनाव अभियान समिति ने मध्‍य प्रदेश से उनका नाम तय कर दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि दिग्विजय सिंह को इंदौर, जबलपुर या भोपाल से चुनाव लड़ने के लिए कहा गया था। लेकिन अंत में उनके भोपाल से चुनाव लड़ने पर सहमति बनी।

पूर्व में ऐसी खबरें सामने आई थीं कि दिग्विजय सिंह की इच्‍छा राजगढ़ से लोकसभा चुनाव लड़ने की है, जहां से वह कई बार चुनाव जीत चुके हैं। इस लोकसभा सीट के अंतर्गत राघोगढ़ विधानसभा सीट पर उनकी मजबूत पकड़ मानी जाती है। लेकिन अब सामने आया है कि वह भोपाल से कांग्रेस के उम्‍मीदवार होंगे, जिसे बीजेपी का गढ़ माना जाता है। सीएम कमलनाथ ने पिछले दिनों दिग्‍व‍िजय से भोपाल या इंदौर जैसी किसी मुश्किल सीट से चुनाव लड़ने का आग्रह किया था। माना जा रहा है कि उन्‍होंने सीएम की बात मान ली है और अब वह बीजेपी के गढ़ में उससे मुकाबले के लिए तैयार हैं।

इसे करीब डेढ़ दशक बाद सक्रिय राजनीति में उनकी वापसी के तौर पर देखा जा रहा है। दिग्विजय सिंह 1993–2003 तक मध्‍य प्रदेश के सीएम रहे। पिछले कुछ समय से वह सक्रिय राजनीति से दूर रहे। हालांकि हालिया मध्‍य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत में उनकी अहम भ‍ूमिका रही।

इधर, भोपाल से दिग्विजय की उम्‍मीदवारी तय होने के साथ ही बीजेपी के बड़े नेताओं ने भी लामबंदी शुरू कर दी है। वहीं, साध्‍वी प्रज्ञा ठाकुर ने भी कहा है कि वह दिग्विजय के खिलाफ चुनाव लड़ना चाहती हैं।

यहां उल्‍लेखनीय है कि प्रदेश में भोपाल की गिनती बीजेपी के पुराने गढ़ के तौर पर होती है। पार्टी 1989 से ही यहां लगातार चुनाव जीतती आ रही है। 1989 से 1999 तक यहां से सुशील चंद्र वर्मा बीजेपी के सांसद रहे तो 1999–2004 तक उमा भारती ने क्षेत्र का प्रतिनिधित्‍व किया। 2004 और 2009 के चुनाव में बीजेपी के कैलाश जोशी ने यहां से चुनाव जीता तो 2014 में बीजेपी के आलोक संजर यहां से चुनाव जीते।