नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी पर उसके वैचारिक संरक्षक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का कितना प्रभाव है, इस विषय पर सियासी बहस होती ही रहती है। यह खबरें हमेशा आती रहती हैं कि आरएसएस बीजेपी उम्मीदवारों की जीत सुनिश्चित करने के लिए क्षेत्र में अपने प्रभाव का इस्तेमाल करता है। वहीं, विपक्ष हमेशा आरोप लगाते रहा है कि बीजेपी हमेशा आरएसएस के प्रभाव में काम करती है। विपक्ष तो यह भी लगातार कहते रहा है कि सरकार का रिमोट कंट्रोल नागपुर स्थित संघ मुख्यालय में है। हालांकि, बीजेपी इस तरह के आरोपों को खारिज करती रही है। इस सियासी बहस के बीच, पार्टी के ही एक सांसद का दावा है कि भारतीय जनता पार्टी आरएसएस के बिना नहीं चल सकती। उन्होंने संघ की तुलना ‘पावर प्लांट’ से कर दी और पार्टी के सांसदों को ‘बल्ब’ बता डाला।

विवादास्पद बयानों के लिए अक्सर सुर्खियां बटोरने वाले सुब्रमण्यम स्वामी ने एक ट्वीट में लिखा, ‘बीजेपी का वजूद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बिना नहीं रह सकता। इस बात को समझें कि आरएसएस ही पावर पलांट है। हम सांसद तो बल्ब हैं जो बिजली पाने के बाद चमकते हैं या फ्यूज हो सकते हैं। हालांकि, आरएसएस बीजेपी को मैनेज नहीं करती और इसका विस्तृत दृष्टिकोण बेहद जटिल है।’ उनके ट्वीट पर एक यूजर ने पूछा कि क्या बीजेपी पूरी तरह से आरएसएस को नजरअंदाज करके खुद से संगठन चला सकती है? स्वामी का जवाब था-असंभव। स्वामी से जब पूछा गया कि क्या वह इस बार चुनाव लड़ेंगे तो स्वामी ने कहा, ‘मेरा चाहना और अमित शाह का चाहना दो अलग-अलग बातें हैं।

बीजेपी का यह बयान ऐसे वक्त में सामने आया है, जब एक दिन पहले ही पार्टी ने आम चुनाव 2019 के लिए 184 उम्मीदवारों की घोषणा की है। सबसे चौंकाने वाला फैसला गांधीनगर सीट से वेटरन लीडर आडवाणी के बजाए पार्टी अध्यक्ष अमित शाह का मैदान में उतरना है।