नई दिल्ली: जस्टिस पिनाकी चंद्र घोष देश के पहले लोकपाल बन गए हैं. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जस्टिस पिनाकी चंद्र घोष को देश का पहला लोकपाल नियुक्त किया. लोकपाल की सूची में 9 ज्यूडिशियल मेंबर भी हैं. साथ ही जस्टिस पिनाकी चंद्र घोष को चेयरपर्सन भी बनाया गया है. राष्ट्रपति ने जस्टिस दिलीप बी भोंसले, जस्टिस पीके मोहंती, जस्टिस अभिलाषा कुमारी और जस्टिस एके त्रिपाठी को न्यायिक सदस्य के तौर पर नियुक्ती को मंजूरी दी. दिनेश कुमार जैन, अर्चना रामासुंदरम, महेंद्र सिंह और डॉ. आईपी गौतम बतौर सदस्य नियुक्त किए गए हैं.

जानकारी के मुताबिक लोकपाल चयन समिति की बैठक में उनका नाम फाइनल किया गया था. बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, भारत के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई और वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी शामिल थे. इस समिति में कांग्रेस के सीनियर लीडर मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम भी शामिल था, लेकिन उन्होंने मीटिंग में हिस्सा नहीं लिया था.

जस्टिस पीसी घोष का पूरा नाम पिनाकी चंद्र घोष है. वह मई 2017 में सुप्रीम कोर्ट से रिटायर हुए थे. इससे पहले वह कोलकाता और आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रह चुके हैं. सुप्रीम कोर्ट से रिटायर होने के बाद वह जून 2017 से मानवाधिकार आयोग के सदस्य हैं. बता दें कि जस्टिस पीसी घोष ने ही शशिकला और अन्य को भ्रष्टाचार के मामले में दोषी ठहराया था.