नई दिल्ली: दुनिया की बड़ी आर्थिक शक्तियों में शुमार भारत का नाम ‘बैड लोन्स’ के चलते काफी खराब हुआ है। बैड लोन्स के मामले में भारत इटली को भी पीछे छोड़ते हुए सबसे घटिया देश बन चुका है। दिसबर महीने में ही रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने कहा था कि 2015 से ही बैंकों के रेशियों में गिरावट दर्ज की जाने लगी थी। बैंकों द्वारा दिया गया 190 बिलियन डॉलर का कर्ज ऐसा है जिसकी भरपाई की उम्मीद काफी कम है। अगर इटली की बात करें तो इसने एक साल में 360 बिलयन यूरो NPA (नॉन परफॉर्मिंग लोन) को कम करके 200 बिलयन डॉलर के स्तर पर ला दिया और साथ ही बैड लोन रेशियों को भी कम करने में काफी तेजी दिखाई।

विश्व की 10 आर्थिक ताकतों में इटली और भारत बैड लोन्स के मामले में सबसे घटिया देशों की श्रेणी में सबसे उपर हैं। हालांकि, भारत कुछ अंको से इटली को भी पछाड़कर नंबर वन बना हुआ है। इटली में जहां बैड लोन 9.9 फीसदी हैं, वहीं भारत में इसका प्रतिशत 10.3 है। इसके बाद तीसरे नंबर पर ब्रजील 3.2% और फ्रांस 2.9 फीसदी के साथ चौथे नंबर पर है। वहीं, भारत का पड़ोसी देश चीन 1.9 फीसदी के साथ पांचवे स्थान पर है। जबकि, 6वें पायदान पर जर्मनी (1.5%), सातवें पर यूके (1.2%), आठवें पर जापान (1.1%), नौवें पर अमेरिका (0.9%) और दसवें पायदान पर कनाडा (0.4%) है।

बैड लोन के मामले में पिछले कुछ दिनों में भारत सरकार ने कुछ कदम उठाने की कोशिश की है। लेकिन, अभी तक के परिणाम सकारात्मक नज़र नहीं आ रहे हैं। आर्थिक जानकारों ने कई मर्तबा भारत सरकार द्वारा लोन देने की नीतियों को भी इसके लिए काफी हद तक जिम्मेदार माना है। वहीं, कुछ लोगों ने बैंकों को सरकारी चंगुल से आजाद करने की भी वकालत की है।