नई दिल्ली: बिहार के नवादा सीट शिफ्ट होने के बाद भाजपा के फायर ब्रांड नेता गिरिराज सिंह नाराज नजर आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि नवादा से मेरा भावनात्मक जुड़ाव हो चुका था तो ऐसे में वहां की जनता से अलग होना मेरे लिए बहुत बुरा अनुभव है. उन्होंने कहा कि मैं कार्यकर्ता था, कार्यकर्ता हूं और कार्यकर्ता रहूंगा.

बता दें कि सीट बंटवारे के तहत नवादा की सीट इस बार रामविलास पासवान की पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी के खाते में गई है. गिरिराज ने कहा कि यदि आपको सीट बदलने को लेकर कोई सवाल पूछना है तो प्रदेश नेतृत्व से पूछिए. बकौल केंद्रीय मंत्री, हमने नवादा में काम किया है और हमेशा नवादा के लिए काम करते रहेंगे.

यह पूछे जाने पर कि नवादा सीट से टिकट न मिलने पर कितना दुख है तो उन्होंने कहा कि राजनीति में इमोशन के लिए कोई जगह नहीं होती है. उन्होंने कहा है कि मैं भाजपा का कार्यकर्ता था कार्यकर्ता हूं और रहूंगा. कार्यकर्ता ही चौकीदार होता है. गिरिराज सिंह का बयान यह बताने को काफी था कि वह किस कदर पार्टी के फैसले और अपनी सीट बदले जाने से नाराज है.

गिरिराज सिंह फिलहाल बिहार की नवादा सीट से सांसद हैं. गिरिराज सिंह का नवादा से टिकट कटने के बाद सवाल उठने लगे थे कि गिरिराज को इस बार पार्टी उनको टिकट देगी या नहीं. लेकिन, अभी तक की खबरों के मुताबिक गिरिराज को भाजपा बेगूसराय से अपना उम्मीदवार बना सकती है.

बताया जाता है कि उनकी नाराजगी इस बात को लेकर है कि अगर भूमिहार जाति से होने के नाते उन्हें बेगूसराय भेजा जा रहा है, तो हिंदू के नाते उन्हें अररिया से प्रत्याशी क्यों नहीं बनाया गया? गिरिराज सिंह अपनी हिंदुत्‍व की छवि को लेकर जाने जाते हैं. यही कारण है कि पहली बार लोकसभा का चुनाव जीतने के बाद उन्हें केंद्र की मोदी सरकार में मंत्री का पद मिला था.

गिरिराज सिंह के नवादा से टिकट कटने के बाद से बिहार में राजनीति गरमाई हुई है और सवाल ये उठने लगे हैं कि क्या गिरिराज सिंह को बेगूसराय भेज कर भाजपा उन्‍हें बलि का बकरा बनाना चाहती है? गिरिराज सिंह ने कहा है कि पिछली बार बेगूसराय से लड़ना चाहता था तो टिकट नहीं मिला और अब जब नवादा का सांसद बनने के बाद वहां से जुड़ाव हो गया तो इस बार नवादा से टिकट ही नहीं मिला.