नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव से पहले दिल्ली में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस में चल रही तनातनी के बीच पार्टी की विधायक अलका लांबा ने बड़ा बयान दिया है। चांदनी चौक विधानसभा से आम आदमी पार्टी का प्रतिनिधित्व कर रहीं लांबा ने शुक्रवार (15 मार्च) को कहा, ‘अगर कांग्रेस मुझे मौका दे तो मैं निश्चित पर पुरानी पार्टी में वापसी करूंगी।’ लोकसभा चुनाव के मद्देनजर आप संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पहले कांग्रेस के साथ हाथ मिलाने के संकेत दिए थे लेकिन बाद में कहा था कि कांग्रेस को मनाते-मनाते थक गए। दूसरी तरफ कांग्रेस गठबंधन को लेकर दो धड़ों में बंट गई है।

एक अंग्रेजी अखबार से बातचीत में आप नेता ने कहा, ‘आम आदमी पार्टी ने न सिर्फ दिल्ली बल्कि पंजाब और हरियाणा में भी कांग्रेस से गठबंधन की बात करके अपनी कमजोरी को पूरी तरह से उजागर कर दिया है।’ यह साफ हो चुका है कि बीजेपी को हराने के लिए आप कांग्रेस से हाथ मिला रही है। मैं हमेशा से बीजेपी की विचारधारा के खिलाफ रही हूं। मैंने आम आदमी पार्टी ज्वाइन की थी क्योंकि मैंने सोचा था कि यह बीजेपी को सत्ता से बाहर करने के लिए सबसे ज्यादा सक्षम है लेकिन अब स्थिति साफ हो चुकी है। अब अगर आप कांग्रेस से जुड़ना चाहे तो मेरा कांग्रेस में जाने का फैसला गलत नहीं होगा।’

गौरतलब है कि लांबा ने 1990 के दशक में कांग्रेस की छात्र ईकाई NSUI से करियर शुरू किया था। 1995 में वे दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ की अध्यक्ष बनी थीं। 2002 में उन्हें अखिल भारतीय महिला कांग्रेस का जनरल महासचिव बनाया गया था। 2013 में उन्होंने आम आदमी पार्टी ज्वाइन की और 2015 में चांदनी चौक विधानसभा सीट से चुनाव लड़कर विधायक बनीं।

उल्लेखनीय है कि इससे पहले जनसत्ता ने 7 मार्च की अपनी एक रिपोर्ट में नौ विधायकों के कांग्रेस के संपर्क में होने की बात कही थी। इनमें आप से निकाले गए संदीप कुमार भी शामिल हैं।