नई दिल्ली: देश का सर्वोच्च न्यायालय अक्सर जजों और वकीलों के बीच तीखी और रोचक बहस का गवाह बनता है। जहां वकील बेहद नर्म तरीके से भी जज के सामने कड़ी से कड़ी बात कह देते हैं, वहीं जज भी वक्त पड़ने पर वकीलों के दलील पर तंज कसते नजर आते हैं। कुछ ऐसी ही घटना बीते गुरुवार को हुई। कोर्ट रूम में सीजेआई रंजन गोगोई और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के बीच बेहद संक्षिप्त लेकिन एक दिलचस्प बातचीत सुनने को मिली।

दरअसल, घटना सुबह साढ़े दस बजे की है जब मेहता ने 2जी मामले का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि इस मामले से जुड़ी कुछ अंतरिम याचिकाओं पर विचार करने के लिए बेंच बनाया जाना जरूरी है। मेहता के मुताबिक, अभी तक इस इस मामले से जुड़ी बेंच की अगुआई कर रहे जस्टिस एके सीकरी अब रिटायर हो चुके हैं।

बार ऐंड बेंच डॉट कॉम की खबर के मुताबिक, मेहता ने नई बेंच बनाने की दरख्वास्त करते हुए कहा, ‘2जी मामले की निगरानी जस्टिस सीकरी की बेंच कर रही थी। वह रिटायर हो गए हैं। कुछ अंतरिम याचिकाएं आई हैं।’ इस पर चीफ जस्टिस ने जवाब दिया, ‘ जब आपने इस मामले का जिक्र कर ही दिया है तो हम भी किसी चीज का जिक्र करना चाहते हैं। लेकिन हम ऐसा खुली अदालत में नहीं कर सकते। आप इसका अंदाजा खुद लगा सकते हैं। आपको पहले उसका कोई हल निकालना होगा। इस दौरान, हम आपकी दरख्वास्त नजरअंदाज करेंगे।’

चीफ जस्टिस की इस टिप्पणी से कोर्ट में मौजूद हर शख्स हैरान रह गया। बता दें कि सॉलिसिटर जनरल अटॉर्नी जनरल ऑफ इंडिया के सहायक होते हैं। वह देश के दूसरे सबसे बड़े कानूनी अधिकारी होते हैं। सॉलिसिटर जनरल की मदद के लिए 4 अडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया होते हैं। फिलहाल तुषार मेहता सॉलिसिटर जनरल के पद पर आसीन हैं। अटॉर्नी जनरल की तरह ही सॉलिसिटर जनरल भी सरकार को कानूनी सलाह देते हैं और केंद्र सरकार की ओर से कोर्ट में मौजूद होकर उनका पक्ष रखते हैं।