नई दिल्ली: चीन ने लगातार चौथी बार भारत को झटका देते हुए मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित होने से बचा लिया. भारत पिछले 10 साल से मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने की मांग कर रहा है. सूत्रों के मुताबिक चीन ने यह कहते हुए वीटो पावर का इस्तेमाल किया है कि आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद और मसूद अजहर का आपस में कोई तालमेल नहीं है. चीन ने एक बार फिर अपनी पुरानी दलील देते हुए कहा है कि मसूद के खिलाफ ऐसे कोई भी सबूत नहीं हैं, जिससे यह बताया जा सके कि मसूद अजहर आतंकी संगठन चलाता है.
गौरतलब है कि भारत इससे पहले भी तीन बार मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने की मांग कर चुका है. भारत ने सबसे पहले साल 2009 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा समिति में इस प्रस्ताव को रखा था. इसके बाद 2016 में भी प्रस्ताव लाया गया लेकिन चीन ने अड़ंगा लगा दिया. इसके बाद साल 2017 में अमेरिका ने ब्रिटेन और फ्रांस के समर्थन से प्रस्ताव पारित किया था लेकिन चीन ने एक बार फिर वीटो लगाकर मसूद अजहर को बचा लिया था. गौरतलब है कि चीन ने बैठक से पहले दोहराया था कि केवल बातचीत से ही ‘जिम्मेदार समाधान’ निकल सकता है.
गौरतलब है कि अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने 15 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की प्रतिबंध समिति से मौलाना मसूद अजहर पर हर तरह के प्रतिबंध लगाने की मांग की थी. इस प्रस्ताव में कहा गया था कि आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर पर हथियारों के व्यापार और वैश्विक यात्रा से जुड़े प्रतिबंध लगाने के साथ उसकी परिसंपत्तियां भी ज़ब्त की जाएं.
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