नई दिल्ली: आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के चीफ मसूद अजहर एक बार फिर वैश्विक आतंकी घोषित नहीं किया जा सका. जैसा अनुमान लगाया जा रहा था कि चीन एक बार फिर वैसा ही किया. चीन ने अपने वीटो पावर का इस्‍तेमाल कर मसूद अजहर को वैश्‍विक आतंकी घोषित होने से बचा लिया. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में मसूद अजहर के खिलाफ फ्रांस, अमेरिका और ब्रिटेन जैसे बड़े देशों ने प्रस्ताव दिया था.

विदेश मंत्रालय ने मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित करने का प्रस्ताव रद्द होने के बाद कहा कि हमारी लड़ाई जारी रहेगी. मसूद अजहर भारत में हुए कई आतंकी हमलों में शामिल है. उसे आतंकवादी घोषित करने तक हम हर संभव रास्ता अपनाएंगे.

चीन ने लगातार चौथी बार भारत को झटका देते हुए आतंकी मसूद अजहर को वैश्‍विक आतंकी घोषित होने से बचा लिया. भारत पिछले 10 साल से मसूद अजहर को वैश्‍विक आतंकी घोषित करने की मांग कर रहा है. सूत्रों के मुताबिक चीन ने यह कहते हुए वीटो पावर का इस्‍तेमाल किया है कि आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्‍मद और मसूद अजहर का आपस में कोई तालमेल नहीं है. चीन ने एक बार फिर अपनी पुरानी दलील देते हुए कहा है कि मसूद के खिलाफ ऐसे कोई भी सबूत नहीं हैं, जिससे यह बताया जा सके कि मसूद अजहर आतंकी संगठन चलाता है.

अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने 15 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की प्रतिबंध समिति से मौलाना मसूद अजहर पर हर तरह के प्रतिबंध लगाने की मांग की थी. इस प्रस्ताव में कहा गया था कि आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर पर हथियारों के व्यापार और वैश्विक यात्रा से जुड़े प्रतिबंध लगाने के साथ उसकी परिसंपत्तियां भी ज़ब्त की जाएं.

हालांकि, इस मामले में सभी की नजरें चीन पर लगी हुई थीं क्योंकि वह पहले भी मसूद अज़हर को बचा चुका है. चीन ने सोमवार को भी चीन ने अपनी अलग ही प्रतिक्रिया दी थी. चीन ने मसूद अज़हर मुद्दे पर अपना पक्ष रखते हुए कहा था कि केवल बातचीत के ज़रिए ही इसका 'जिम्मेदार समाधान' निकल सकता है.

पुलवामा में हुए एक आत्‍मघाती हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे, जिसकी जिम्मेदारी आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्‍मद ने ही ली थी. इसके बाद भारतीय वायुसेना ने 26 फरवरी की रात में पाकिस्‍तान के बालाकोट स्‍थ‍ित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्‍मद के कैंप को ध्‍वस्‍त कर दिया था. भारत के इस कार्रवाई का पूरी दुनिया ने समर्थन किया था.