नई दिल्ली: जापान ने मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण की धीमी रफ्तार पर चिंता जताई है। जापान का कहना है कि यदि 2022 तक इस परियोजना के पूरा होने में देरी हुई तो इस बारे में हम कुछ नहीं कह सकते हैं। सोमवार को मुंबई में जापान के कॉन्सुल जनरल रयोजी नोडा ने मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण में देरी पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, दिसंबर 2018 की डेडलाइन मिस हो गई है, लेकिन साल 2022 तक निर्धारित समय में यह परियोजना पूरी नहीं हो सकी तो वह इस बारे में कुछ भी नहीं कह सकते हैं।

इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में उन्होंने कहा, इस बारे में जापान की तरफ से कुछ भी नहीं किया जा सकता है। इसलिए हम गुजरात और महाराष्ट्र सरकार की तरफ से जमीन खरीदे जाने का इंतजार कर रहे हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या इससे परियोजना में देरी हो सकती है, नोडा ने कहा, मुझे इसके बारे (देरी) में पता नहीं है, मुझे लगता है कि यह थोड़ा ही होना चाहिए। इंडियन एक्सप्रेस ने 30 जनवरी को खबर दी थी कि गुजरात में भूमि अधिग्रहण में सात से आठ महीने का और समय लग सकता है। आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए यह जून 2019 तक भी खिंच सकता है।

नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) को राज्य सरकारों के साथ मिलकर गुजरात में 612 हेक्टेयर, दादरा और नागर हवेली में 7.5 हेक्टेयर और महाराष्ट्र में 246 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित करनी है। इस परियोजना के लिए गुजरात में 5404 लोगों को अपनी जमीन देनी होगी। इसमें सबसे अधिक 1196 लोग अहमदाबाद में हैं। इसके बाद खेड़ा में 783 लोग अपनी जमीन देंगे। बुलेट परियोजना से जुड़े एक सवाल के जवाब में गुजरात के उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल ने 19 फरवरी को विधानसभा में कहा था कि अधिग्रहण के लिए 32 तालुका के 197 गांवों की जमीन को चिह्नित किया गया है। अब तक किसानों की सहमति से 160 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जा चुका है। इसके लिए किसानों को 620 करोड़ का मुआवजा भी दिया जा चुका है।

कॉन्सुल जनरल नोडा ने कहा कि, जापान ने भारत में बुलेट ट्रेन के संचालन के लिए भारतीय स्टाफ की ट्रेनिंग शुरू कर दी है। इसमें ड्राइवर, सिगनल एंड मेंटनेंस वर्कर्स और ट्रेन के परिचालन से जुड़े अन्य लोगों की ट्रेनिंग शामिल है। उन्होंने कहा कि इन लोगों को वडोदरा के ट्रेनिंग सेंटर में प्रशिक्षित किया जा रहा है।