अहमदाबाद: कांग्रेस कार्य समिति की अहमदाबाद में बैठक से एक दिन पहले जामनगर (ग्रामीण) से विधायक वल्लभ धारविया ने पार्टी छोड़ दी और विधानसभा अध्यक्ष राजेंद्र त्रिवेदी को सोमवार दोपहर को इस्तीफा सौंप दिया। पिछले चार दिनों में कांग्रेस के तीन विधायकों ने इस्तीफा दिया है। त्रिवेदी ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा, 'धारविया ने जामनगर (ग्रामीण) के विधायक पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने मुझे बताया कि वह स्वेच्छा से इस्तीफा दे रहे हैं।'

धारविया के इस्तीफे से पहले उनकी पार्टी के पूर्व सहयोगी परषोत्तम सबारिया ने आठ मार्च को ध्रांगधरा विधायक के पद से इस्तीफा दे दिया था। वह सत्तारूढ़ भाजपा में शामिल हो गए थे। सबारिया को सिंचाई घोटाले के संबंध में गत वर्ष अक्टूबर में गिरफ्तार किया गया था और गुजरात हाई कोर्ट से उन्हें फरवरी में जमानत मिली थी। सबारिया ने कहा कि उन पर बीजेपी में शामिल होने का दबाव नहीं था और साथ ही दावा किया था कि वह अपने निर्वाचन क्षेत्र के विकास के लिए पार्टी बदल रहे हैं।

आठ मार्च को माणवदर से कांग्रेस विधायक जवाहर चावड़ा ने भी विधानसभा से इस्तीफा दे दिया था और वह भी भाजपा में शामिल हो गए थे। उन्हें नौ मार्च को विजय रुपाणी सरकार में मंत्री बनाया गया था। पिछले कुछ महीने में गुजरात में इस्तीफा देने वाले कांग्रेस विधायकों की संख्या पांच हो गई है।

इन पांच विधायकों के अलावा कांग्रेस ने एक और विधायक गंवा दिया जब भगवान बराड़ को पांच मार्च को सदन की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया। उन्हें अवैध खनन मामले में दो साल की जेल की सजा सुनाई गई थी। पिछले साल जुलाई में कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक कुंवरजी बावलिया ने भी इस्तीफा दे दिया था और उन्हें बाद में राज्य सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया गया। वह तब भाजपा के टिकट पर उपचुनाव जीते थे।

पिछले महीने उंझा से पहली बार विधायक बनी आशा पटेल ने सदन और कांग्रेस की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था और वह सत्तारूढ़ पार्टी में शामिल हो गई थीं। भाजपा के पास अब 182 सदस्यीय विधानसभा में 100 विधायक हैं जबकि कांग्रेस के पास 71 विधायक हैं।