लखनऊ: सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्‍या मामले में बड़ा फैसला सुनाते हुए मध्‍यस्‍थता के आदेश दे दिए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने इसके लिए पैनल गठित करने के आदेश दिए हैं. इस मामले में बीएसपी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है. शुक्रवार को मायावती ने ट्वीट करके कहा कि अयोध्या मामले का सभी पक्षों को स्वीकार्य तौर पर निपटारे के लिये माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा फैज़ाबाद में बंद कमरे में बैठकर मध्यस्थता कराने का जो आदेश आज पारित किया है वह नेक नीयत पर आधारित ईमानदार प्रयास लगता है, इसलिये बीएसपी उसका स्वागत करती है.

बता दें कि मध्‍यस्‍थों में तीन सदस्‍यों को शामिल किया गया है. मध्‍यस्‍थता बोर्ड के सदस्‍यों में श्रीश्री रविशंकर के साथ ही श्रीराम पंचू को भी शामिल किया गया है. मध्‍यस्‍थता बोर्ड के अध्‍यक्ष कलिफुल्‍लाह होंगे. अगले हफ्ते मध्यस्थता की बैठक फैजाबाद में होगी. जिसके बाद आठ हफ़्तों में सुलह की रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंपी जाएगी.

हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया है कि इस पूरी मध्यस्थता की रिपोर्टिंग नहीं होगी. यानि मध्यस्थता पूरी तरह से गोपनीय होगी और चार हफ्ते में इसकी प्रोग्रेस रिपोर्ट भी कोर्ट को सौंपनी होगी. इसके बाद आठ हफ़्तों के भीतर मध्यस्थता में क्या निकला इसकी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट के सामने पेश करनी होगी.

गौरतलब है कि बुधवार को सुप्रीम कोर्ट की 5 सदस्यीय बेंच ने सभी पक्षों की दलील सुनने के बाद मध्यस्थता के लिए नाम सुझाने को कहा था. सुनवाई के दौरान जस्टिस बोबडे ने कहा है कि इस मामले में मध्यस्थता के लिए एक पैनल का गठन होना चाहिए.