रायपुर: छत्तीसगढ़ में नवनिर्वाचित कांग्रेस सरकार ने रमन सरकार की एक और योजना की जांच कराने के निर्देश जारी कर दिए हैं। 15 साल बाद सत्ता में आई कांग्रेस ने पाया है कि रमन सरकार ने जिला खनिज फाउंडेशन और कम्पेन्सेटरी अफ्फोरेस्टेसन सहित कई सामाजिक कल्याण योजनाओं के फंडों को केंद्र की प्रमुख पहल उज्ज्वला योजना को पूरा करने के लिए डायवर्ट किया गया था। उज्ज्वला योजना प्रधान मंत्री मोदी द्वारा लांच की गई योजना है जो गरीबी रेखा के नीचे आने वाले परिवारों को एलपीजी सिलिंडर प्रदान करती है।

छत्तीसगढ़ सरकार के रिकॉर्ड बताते हैं कि रमन सिंह के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने उज्ज्वला योजना के लिए 55 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया था। इसके बावजूद उन्होंने अन्य योजनाओं से फंड डाइवर्ट किया। जिसमें लेबर डिपार्टमेंट स्किम से 29 करोड़ रुपये, पर्यावरण उपकर से 212.90 करोड़ रुपये, कम्पेन्सेटरी अफ्फोरेस्टेसन फंड और योजना प्राधिकरण (CAMPA) से 47.08 करोड़ रुपये और जिला खनिज फाउंडेशन (DMF) से 162.98 करोड़ रुपये शामिल थे। गाइडलाइंस के मुताबिक CAMPA फंड को किसी अन्य उद्देश्य के लिए डायवर्ट नहीं किया जा सकता। DMF, सभी खनन जिलों में 2015 में स्थापित एक गैर-लाभकारी ट्रस्ट है। ये ट्रस्ट खनन से प्रभावित व्यक्तियों और क्षेत्रों के हित के लिए काम करता है। CAMPA की तरह, DMF की गाइडलाइंस भी किसी भी अन्य उद्देश्य के लिए फंड को डाइवर्ट करने की अनुमति नहीं देती। पिछले साल सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट ने बताया था कि छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में डीएमएफ फंड का इस्तेमाल मल्टी-लेवल पार्किंग बनाने के लिए किया गया था।

पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय से संपर्क किए जाने पर उनके एक अधिकारी ने कहा, “मंत्रालय प्रति कनेक्शन (जिसमें सिलेंडर, रेगुलेटर, बुकलेट, सुरक्षा नली) 1,600 रुपये खर्च करता है। शेष को लाभार्थी द्वारा वहन किया जाता है। छत्तीसगढ़ सरकार ने मंत्रालय से कहा था कि वह शेष लागत वहन करेगी। राज्य बजट को कैसे प्रदान करता है इस मामले में केंद्र सरकार कुछ नहीं कर सकती।” छत्तीसगढ़ कांग्रेस के प्रवक्ता शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा, “केंद्र ने चुनावी लाभ के लिए राज्यों के लिए उज्ज्वला के तहत महत्वाकांक्षी और अवास्तविक लक्ष्य निर्धारित किए हैं। प्रधानमंत्री के दबाव में, छत्तीसगढ़ सरकार ने मुफ्त सिलेंडर वितरित करने के लिए कई सार्वजनिक योजनाओं से फंड डाइवर्ट किए हैं।”