नई दिल्ली: राफेल मामले में पुनर्विचार याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में महत्वपूर्ण सुनवाई जारी है. इस दौरान सरकार की तरफ से अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कोर्ट को बताया कि जिन दस्तावेजों पर ऐडवोकेट प्रशांत भूषण भरोसा कर रहे हैं, वे रक्षा मंत्रालय से चुराए गए हैं. वहीं चीफ जस्टिस ने अटॉर्नी जनरल से कहा है कि गलत तरीके से हासिल दस्‍तावेज भी मान्‍य हैं.

एविडेंस एक्‍ट के तहत दस्‍तावेज कोर्ट में मान्‍य हैं. सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल ने कहा कि क्‍या हमें एफ-16 से अच्‍छे जहाज नहीं चाहिए. हम मानते हैं कि मिग ने अच्‍छा काम किया है जो 1960 में बना था. इस मामले की सीबीआई जांच से राफेल डील में डैमेज होगा जो देशहित से सही नहीं होगा. सुप्रीम कोर्ट में अब इस मामले की अगली सुनवाई 14 मार्च को होगी.

इससे पहले वेणुगोपाल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि याचिकाकर्ता प्रशांत भूषण और अन्य लोग चोरी हो चुके दस्तावेजों पर भरोसा कर रहे हैं. रक्षा मंत्रालय से चोरी हुए दस्‍तावेज का मामला इतना गंभीर है कि उन्‍हें आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम के तहत अभियोजन का सामना करना पड़ेगा. सुप्रीम कोर्ट में जानकारी देते हुए अटॉर्नी जनरल ने कहा कि हम इस मामले में क्रिमिनल एक्शन लेंगे. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले पर हम किसी नए दस्‍तावेज पर सुनवाई नहीं करेंगे. दरअसल सुनवाई शुरू होते ही वकील प्रशांत किशोर ने सुप्रीम कोर्ट में नए दस्‍तावेज पेश किए, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करने से इनकार कर दिया.

सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई दो बजे तक के लिए स्‍थगित कर दी है. कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल से पूछा है कि जब उन्‍हें पता चल गया था कि राफेल से जुड़े कुछ दस्‍तावेज चोरी हो गए हैं तो उन्‍होंने इस पर क्‍या कार्रवाई की है. सुप्रीम कोर्ट ने सरकार ने इस गंभीर मामले पर अभी तक क्‍या कार्रवाई की है इस पर दो बजे कोर्ट को जानकारी दें. सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि राफेल डील से जुड़े दस्‍तावेज के चोरी होने के संबंध में अभी तक एफआईआर दर्ज नहीं कराई गई है. अगर एफआईआर दर्ज कराई जाती तो कई याचिकाकर्ताओं का नाम भी इसमें शामिल हो जाता.