लखनऊ: भाजपा विधायक डा. नीरज बोरा ने कहा कि दुनिया भर में एक करोड़ से अधिक टीबी से पीड़ित लोग हैं। इनमें से 27 फीसदी भारत में निवास करते हैं। देश में टीबी पीड़ितों की संख्या सबसे अधिक उत्तर प्रदेश में है। देश का सबसे बड़ा प्रदेश होने के कारण टीबी उन्मूलन में उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी भी बड़ी है।
विधायक डा. बोरा अलीगंज स्थित आंचलिक विज्ञान केन्द्र प्रेक्षागृह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का लक्ष्य 2025 तक संपूर्ण भारत टीबी मुक्त हो के तहत लखनऊ उत्तर विधानसभा को टीबी मुक्त करने के उद्देश्य से टीबी मुक्त अभियान के शुभारम्भ अवसर पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि टीबी बीमारी को जड़ से खत्म करना है। उन्होंने बताया उत्तर प्रदेश में लखनऊ उत्तर विधानसभ ऐसी पहली विधानसभा है, जिसको टीबी मुक्त करने का बीड़ा हमने उठाया है और हम इसके लिये प्रतिबद्ध हैं। उक्त कार्यक्रम का आयोजन उत्तर प्रदेश में क्षयरोग (टीबी) उन्मूलन के लिये पैरवी कर रही संस्था रीच के सहयोग से किया गया। डा. बोरा ने बताया कि मोदी जी के सपने को साकार करने में रीच संस्थान अहम सहयोग दे रहा है।

कार्यक्रम में मौजूद राज्य क्षय रोग अधिकारी डा. संतोष गुप्ता ने क्षय रोग से सम्बन्धित अहम जानकारियां दीं। डा. गुप्ता ने बताया कि टीबी को लेकर काफी अंधविश्वास समाज में व्याप्त है। जिससे टीबी मरीजों का इलाज संभव नहीं हो पा रहा है। टीबी को जड़ से खत्म करने को अतिरिक्त कदम उठाने की जरूरत है। लोगों को जागरूक होना पड़ेगा। जागरूकता के अभाव में बीमारी बढ़ रही है और यही वजह है कि हम टीबी से मुक्ति के लक्ष्य को प्राप्त करने में असफल हैं।

वहीं मुख्य चिकित्साधिकारी डा. नरेन्द्र अग्रवाल ने उपस्थित लोगों से अपने दायित्वों के निर्वहन के साथ ही टीबी उन्मूलन हेतु जागरूकता फैलाने का आहवान किया।

इस अवसर पर मुख्य रूप से रीच संस्थान की स्टेट काॅर्डिनेटर मुक्ता शर्मा, जिला क्षय रोग अधिकारी डा. बीके सिंह, नगरीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र की अधीक्षिका डा. रश्मि वर्मा, डा. उमेश सहित पार्षदगण पृथ्वी गुप्ता, प्रदीप कुमार शुक्ला, अमित मौर्या, राघव राम तिवारी एवं शैलेन्द्र शर्मा अटल, राम किशोर वर्मा, कृपा शंकर मिश्रा, राम शरण सिंह, दीपक मिश्रा सहित ए.एन.एम., सुपरवाइजर व अन्य लोग उपस्थित रहे।

चैम्पियनों ने उठाया रोग मुक्त करने का बीड़ा- टीबी मुक्त अभियान कार्यक्रम में सम्मिलित सुनीता और कमल ने बताया कि हम भी टीबी रोग से ग्रसित हुये थे, किन्तु नियमित इलाज के चलते इस गंभीर बीमारी से मुक्त हो गये हैं। उन्होंने बताया कि टीबी मुक्ति अभियान को सफल बनाने के लिये हर तबके एवं स्वयंसेवी संस्थाओं की सहभागिता आवश्यक है। सब मिलकर काम करेंगे तो सफलता अवश्य मिलेगी। सुनीता और कमल ने बताया कि हम प्रतिदिन लोगों को इस बीमारी के प्रति जागरूक करने का काम कर रहे हैं और अब हमने बीडा उठाया है कि टीबी जैसी गंभीर बीमारी से लोगों को मुक्त करायेंगे। प्रदेश को टीबी मुक्त बनायेंगे।

पोषण हेतु सहायता राशि करायी जा रही उपलब्ध- राज्य क्षय रोग अधिकारी डा. संतोष गुप्ता ने बताया कि पिछले वर्ष लगभग चार लाख अठारह हजार से ज्यादा टीबी से ग्रसित मरीजों को चिन्हित किया जा चुका है। जिसमें लगभग 25 करोड रूपये से अधिक धनराशि टीबी मरीजों को पोषण हेतु हस्तान्तरित किया जा चुका है। डा. गुप्ता ने बताया कि टीबी रोगी को पोषण सहायता के लिये 500 रुपये प्रतिमाह का वित्तीय प्रोत्साहन किया जाता है। लाभार्थी के बैंक खाते में प्रोत्साहन डीबीटी योजना के माध्यम से वितरित किये जाते हैं। वहीं मुख्य चिकित्साधिकारी डा. नरेन्द्र अग्रवाल ने बताया कि टीबी उन्मूलन में योगदान देने वाले को 1000 रुपये प्रोत्साहन राशि के रूप में वितरित की जा रही है।