नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान के बीच 16 जून को मैनचेस्टर में होने वाले विश्व कप मैच को लेकर संकट के बादल छाए हुए हैं। दोनों देशों के रिश्तों में गहरा तनाव नजर आ रहा है। बीसीसीआई ने मैच को लेकर अंतिम फैसला सरकार के पाले में डाल दिया है। भारत में कई दिग्गज क्रिकेटर्स इस मैच का बॉयकॉट करने का सुझाव दे चुके हैं और बीसीसीआई ने भी इस मैच के संदर्भ में आईसीसी को पत्र लिखा था। बीसीसीआई ने अपने पत्र में आतंकवादियों को शरण देने वाले देशों के साथ क्रिकेट संबंधों को खत्म करने का अनुरोध किया था। हालांकि, आईसीसी ने बीसीसीआई के लिखे पत्र का जवाब दे दिया है।

आईसीसी के अधिकारी ने अपने जवाब में कहा, 'अंतर्राष्ट्रीय बोर्ड की ऐसे मामलों में कोई भूमिका नहीं होती है और जहां तक पाकिस्तान को विश्व कप से बैन करने की मांग है उसे बोर्ड स्वीकार नहीं कर सकता, पत्र में कहीं भी विशेष रूप से पाकिस्तान का जिक्र नहीं है, यहां तक कि कई अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी भी पाकिस्तान में पीएसएल में भाग लेते हैं, उन्होंने कभी भी सुरक्षा के मुद्दे को लेकर सवाल नहीं उठाया। हम मानते हैं कि सुरक्षा एक मुद्दा है और हम खिलाड़ियों को उचित सुरक्षा प्रबंध मुहैया कराने के लिए प्रतिबद्ध भी हैं।'

हालांकि, आईसीसी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी सहयोगी सदस्य को विश्व कप में भाग लेने से रोका नहीं जा सकता है और ऐसा कुछ भी होने की संभावना नहीं है। पीटीआई ने बीसीसीआई के एक अधिकारी के हवाले से बताया, 'ऐसा कभी कोई मौका नहीं आया जब ऐसा कुछ भी हुआ हो। आईसीसी अध्यक्ष ने यह स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी देश के साथ संबंध तोड़ने का निर्णय सरकार के स्तर पर लिया जा सकता है, लेकिन आईसीसी इन मामलों मे कोई दखल नहीं दे सकती और ना ही आईसीसी का ऐसा कोई नियम है। बीसीसीआई को यह सब पता था, लेकिन फिर भी एक मौका मिला।'

गौरतलब है कि आगामी विश्व कप में 16 जून को मैनचेस्टर में होने वाले भारत-पाक मैच को लेकर सौरव गांगुली, हरभजन सिंह और अजहरुद्दीन बॉयकॉट करने की मांग की है। जबकि आईसीसी ने साफ कर दिया है कि विश्व कप के कार्यक्रम में कोई फेरबदल नहीं होगा और भारत- पाकिस्तान के बीच मैच तय कार्यक्रम के तहत ही होगा।