नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने के लिये भारत और फ्रांस के बीच हुये समझौते को चुनौती देने वाली याचिकायें खारिज करने के अपने पिछले फैसले पर पुनर्विचार के लिये दायर याचिकाओं पर खुली अदालत में सुनवाई के लिये मंगलवार को राजी हो गया।

प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति केएम जोसेफ की पीठ ने राफेल सौदे पर पुनर्विचार याचिकाओं की सुनवाई खुली अदालत में करने के लिये पूर्व केन्द्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा और अरूण शौरी तथा अधिवक्ता प्रशांत भूषण के अनुरोध पर चैंबर में विचार किया। पीठ ने कहा कि खुले न्यायालय में सुनवाई का अनुरोध स्वीकार किया जाता है।

शीर्ष अदालत ने 14 दिसंबर, 2018 को फ्रांस से 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने के लिये भारत द्वारा किये गये समझौते को चुनौती देने वाली याचिकायें खारिज करते हुये कहा था कि इस संबंध में पूर्व करार को रद्द करने और विमान खरीद का निर्णय लेने की प्रक्रिया पर संदेह करने की वास्तव में कोई आवश्यकता नहीं है।

न्यायालय ने 58,000 करोड़ रूपए के लड़ाकू विमान खरीदने के लिये भारत और फ्रांस के बीच हुये सौदे में कथित अनियमितताओं के लिये प्राथमिकी दर्ज करने और न्यायालय की निगरानी में जांच कराने का अनुरोध भी ठुकरा दिया था।