नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव से पहले राजनीतिक दल नए सियासी समीकरण बनाने की कवायद में जुटे हुए हैं. प्रियंका गांधी के उत्तर प्रदेश में आने के बाद से यूपी को लेकर कांग्रेस की रणनीति में बदलाव किया गया है. इसी रणनीति के तहत कांग्रेस की तरफ से पश्चिमी उत्तर प्रदेश के प्रभारी ज्योतिरादित्य सिंधिया राष्ट्रीय लोक दल के साथ गठबंधन के प्रयास में लगे हुए हैं.
ज्योतिरादित्या सिंधिया पिछले सात दिनों में दो बार राष्ट्रीय लोकदल के उपाध्यक्ष जयंत चौधरी से मुलाकात कर चुके हैं. सिंधिया ने जयंत चौधरी के सामने उत्तर प्रदेश में 10 और राजस्थान में 1 सीट देने का प्रस्ताव रखा है. कांग्रेस कुल 11 सीटों पर आरएलडी के साथ गठबंधन करना चाहती है. सिंधिया ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कैराना, मुजफ्फरनगर, बागपत, मथुरा, बुलंदशहर, मेरठ समेत 10 सीटों पर आरएलडी को लड़ने का प्रस्ताव दिया है.

बता दें, आरएलडी के इकलौते विधायक को कांग्रेस पहले ही राजस्थान में मंत्री बना चुकी है. आरएलडी प्रमुख चौधरी अजीत सिंह सपा-बसपा-कांग्रेस के साथ लड़ने के पक्ष में हैं पर आरएलडी से जुड़े सूत्रों की मानें तो कांग्रेस ने पहल करने में देरी कर दी है. आरएलडी ने फिलहाल सपा बसपा का साथ छोड़ने से मना कर दिया है. आरएलडी को सपा-बसपा गठबंधन में मुजफ्फरनगर, बागपत और मथुरा की सीटें मिली हैं पर वह बुलंदशहर सीट की भी मांग कर रही है. बुलंदशहर सीट बसपा के कोटे में है और मायावती बुलंदशहर की सीट आरएलडी को देने के पक्ष में नहीं हैं.

बता दें, समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव और बहुजन समाज पार्टी की मायावती ने साथ चुनाव लड़ने का ऐलान किया था. दोनों पार्टियों ने यूपी की कुल 80 लोकसभा सीटों में से 38-38 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया था.