लखनऊ: ग्रामीणों की सेहत संवारने के लिए प्रदेश सरकार ने अहम कदम उठाया है। घरों के पास डॉक्टर की सलाह व जांच की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मेडिकल मोबाइल यूनिट (एमएमयू) का शुभारंभ किया।

गोमतीनगर के इंदिरागांधी प्रतिष्ठान में मुख्यमंत्री ने हरी झंडी दिखाकर एमएमयू का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी मामूली बीमारी के इलाज के लिए लोगों को लंबा सफर तय करना पड़ रहा है। मरीजों की दुश्वारियों को दूर करने के लिए मेडिकल मोबाइल यूनिट शुरू की जा रही है। इस एम्बुलेंस सेवा में मरीजों को एमबीबीएस डॉक्टर की सलाह मिलेगी। खून की जांच होगी। मरीजों को मुफ्त दवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। छोटी चोट की ड्रेसिंग भी होगी। यह सुविधा पूरी तरह से मुफ्त होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इलाज के अभाव में मर्ज बढ़ जाता है। समय पर सलाह व जांच से बीमारी जल्द पकड़ में आएगी। एम्बुलेंस के माध्यम से मरीजों को नई जिन्दगी मिल सकती है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 13 अप्रैल 2017 को 170 एटीएलएस का शुभारंभ किया गया था। इस सेवा से अब तक 78 हजार गंभीर मरीजों को नई जिन्दगी दी जा चुकी है। दिल्ली एम्स से लेकर पीजीआई चंडीगढ़ तक मरीजों को शिफ्ट किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एटीएलएस के बेडे में 100 एम्बुलेंस और जोड़ी गई हैं। ताकि गंभीर मरीजों की जान बचाई जा सकेगा। पूर्व के वर्षों में गरीब मरीजों को वेंटिलेटर युक्त एम्बुलेंस हासिल करने के लिए 25 से 50 हजार रुपये तक खर्च करने पड़ रहे थे। भाजपा सरकार मरीजों को मुफ्त वेंटिलेटरयुक्त एम्बुलेंस उपलब्ध करा रही है।

मोबाइल यूनिट में मरीजों की खून की जांच होगी। इसमें मौजूद डॉक्टर मरीजों को सलाह देंगे। मुफ्त दवाएं भी मुहैया कराएंगे। पहले चरण के तहत 23 जिलों में एमएमयू की शुरुआत की गई है। फरवरी के आखिरी तक 53 जिलों में 170 एमएमयू चालू हो जाएंगी। वहीं गंभीर मरीजों की जान बचाने के लिए एडवांस ट्रॉमा लाइफ सपोर्ट (एटीएलएस) के बेड़े को विस्तार दिया गया। 100 एटीएलएस एम्बुलेंस बेड़े में जोड़ी गई हैं।
जीवीकेएमआरआई के निदेशक के कृष्णनम राजू ने कहा कि 102, 108 एम्बुलेंस सेवा का संचालन हो रहा है। एटीएलएस से गंभीर मरीजों की जान बचाने का सिलसिला जारी है। मरीजों को और जल्दी एम्बुलेंस सेवा उपलब्ध कराने के लिए प्रयास चल रहे हैं। इससे लोगों की जान बचाने में मदद मिलेगी।

एमएमयू का संचालन कर रही केएचजी हेल्थ सर्विसेस के सीईओ जितेंद्र वालिया ने बताया कि एम्बुलेंस में अनुभवी डॉक्टर, स्टाफ नर्स, फार्मासिस्ट, लैब टेक्नीशियन व ड्राइवर समेत 5 लोगों का स्टाफ मौजूद रहेगा। जो जिले के सीएमओ के तय किये गए स्थान पर सुबह नौ से शाम पांच बजे तक इलाज उपलब्ध कराएगा। दो सप्ताह बाद फिर एमएमयू उसी स्थान पर जाकर मरीजों को इलाज उपलब्ध कराएगी। इसमें 116 तरह की दवाएं उपलब्ध रहेंगी। संक्रामक रोगों की जांच, खून की जांचें, ईसीजी की सुविधा भी इसमें मिलेगी। इसमें ऑनलाइन पंजीकरण होगा।

स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह, परिवार कल्याण मंत्री डॉ. रीता बहुगुणा जोशी, परिवार कल्याण राज्यमंत्री स्वाति सिंह, एनएचएम के निदेशक पंकज कुमार, स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. पदमाकर सिंह, निदेशक डॉ. ईयू सिद्दीकी, सीएमओ डॉ. नरेंद्र अग्रवाल, डॉ. एसके सक्सेना, जीवीकेएमआरआई के सीनियर प्रेसीडेंट राजेश वाघमारे, स्टेट हेड प्रमिल शाह समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे।