नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद जवानों को श्रद्धांजलि देने कश्मीर पहुंचे गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने हुर्रियत कॉफ्रेंस का नाम लिए बगैर निशाना साधा। एक प्रेस कॉफ्रेंस के दौरान राजनाथ ने कहा कि घाटी में कुछ पाकिस्तान परस्त ताकतें है जो पाकिस्तान और आईएसआई से पैसे लेती हैं।इस दौरान राजनाथ सिंह ने कहा कि इस हमले के बाद हमने यह सबक सीखा है कि सुरक्षा बलों के काफिल के दौरान आम लोगों की आवाजाही नहीं रहेगी।

पाकिस्तान से पैसे लेेने वाले लोग कश्मीर के युवाओं की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं। राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत सरकार शहीदों के परिवारों के साथ खड़ी है। सुरक्षा के मद्देनजर सेना को जरूरी निर्देश दे दिया गया है। हमारे जवान सीमापार के ताकतों को कामयाब नहीं होने देंगे।इसके अलावा राजनाथा सिंह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोग हमारे साथ खड़े हैं।

बता दें कि सीएसएस की बैठक में पीएम मोदी और राजनाथ सिंह शामिल हुए थे। इसके बाद राजनाथ सिंह शहीदों को श्रद्धांजलि देने कश्मीर पहुंचे और इस दैरान उन्होंने अस्पताल में भर्ती घायल जवानों का हाल भी जाना। गुरुवार की शाम सीआरपीएफ के काफिले पर फिदायीन हमला हुआ था जिसमें कम से कम 40 जवानों के शहीद होने की खबर है। यह हमला कश्मीर से 30 किलोमीटर की दूरी पर हुआ ।हमले की जिम्मेदारी जैश ए मुहम्मद ने ली। खबरों की मानें तो यह हमला अजहर मंसूद के भाई मुफ्ति अब्दुल रऊफ असगर ने कराया है। इस हमले का मास्टरमाइंड वही है।

हालांकि जांच ऐजेंसियां मामले की जांच कर रही हैं। सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल संग भी कई आला अधिकारियों की बैठक हो चुकी है। दो दशक में यह अबतक का सबसे बड़ा हमला है। 2700 जवानों के साथ जा रहे सीआरपीएफ के काफिले में फिदायीन हमलावर कार में 350 किलो विस्फोटक लिए घुस गया और जवानों से भरी एक बस में विस्फोटक भरी कार से टक्कर मार दी जिसके बाद वहां खून की नदियां बहने लगे। गाड़ियों के परखच्चे उड़ गए और सड़क पर जवानों के शव नजर आ रहे थे।