नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय खेल संबंधों पर 26/11 आतंकी हमले का बुरा प्रभाव पड़ा था। राजनीतिक तनाव के कारण पिछले एक दशक से दोनों देशों के बीच किसी द्विपक्षीय क्रिकेट सीरीज का आयोजन नहीं हुआ है। दोनों देशों की टीमें एक दूसरे के खिलाफ आईसीसी या एसीसी (एशियन क्रिकेट काउंसिल) के टूर्नामेंट में खेलती नजर आई हैं। उन मैचों को लेकर भी दोनों देशों के बीच बड़े विवाद हुए हैं। ऐसे में भारतीय महिला टीम ने महिला वर्ल्ड चैंपियनशिप के कार्यक्रम के अनुरूप पाकिस्तान के खिलाफ पाकिस्तान में भाग लेने से इंकार कर दिया है जिसका खामियाजा उन्हें 2021 में आयोजित होने वाले आईसीसी महिला विश्वकप में सीधे एंट्री नहीं मिलने के रूप में उठाना पड़ सकता है।

वेस्टइंडीज के खिलाफ जीत हासिल करने के बाद पाकिस्तान वर्ल्ड चैंपियनशिप की अंक तालिका में चौथे स्थान पर पहुंच गया है। जहां वो भारतीय महिला टीम के साथ 12-12 अंक की बराबरी पर है। हालांकि बेहतर रन औसत के आधार पर भारतीय टीम अभी भी तीसरे पायदान पर काबिज है। यदि भारतीय टीम पाकिस्तान के खिलाफ खेलने से इंकार कर देती है तो भारतीय टीम को 6 अंक का नुकसान होगा और इतने ही अंक पाकिस्तान के खाते में जोड़ दिए जाएंगे।

टूर्नामेंट के फॉर्मेट के अनुसार मेजबान न्यूजीलैंड के साथ-साथ टॉप फोर देश विश्वकप 2021 के लिए सीधे क्वालीफाई कर लेंगे। यदि कीवी टीम टॉप फोर टीमों में शामिल होती है तो टॉप फाइव टीमों को सीधे प्रवेश मिल जाएगा। टूर्नामेंट में जहां आठ टीमें भाग लेंगी बाकी की 3 टीमों को क्वालिफिकेशन इवेंट में भाग लेकर टूर्नामेंट में खेलने के लिए रास्ता तय करेंगी।

आईसीसी विमेंस चैंपियनशिप के अनुसार टॉप आठ टीमें एक दूसरे के घर पर द्विपक्षीय वनडे सीरीज खेलेंगी। इस फॉर्मेट में चैंपियनशिप के आयोजन के बाद वर्तमान में ऑस्ट्रेलिया 16 अंकों के साथ सबसे ऊपर है। वहीं न्यूजीलैंड 14 अंक के साथ दूसरे स्थान पर है। ऐसे में अब बीसीसीआई इस स्थिति का सामना कैसे करेगी जहां सभी टीमों की एक दूसरे के विरुद्ध खेलने की बाध्यता है।