दुबई: अबू धाबी ने ऐतिहासिक फैसला लेते हुए अरबी और अंग्रेजी के बाद हिंदी को अपनी अदालतों में तीसरी आधिकारिक भाषा के रूप में शामिल कर लिया है। न्याय तक पहुंच बढ़ाने के लिहाज से यह कदम उठाया गया है। अबू धाबी न्याय विभाग (एडीजेडी) ने शनिवार को कहा कि उसने श्रम मामलों में अरबी और अंग्रेजी के साथ हिंदी भाषा को शामिल करके अदालतों के समक्ष दावों के बयान के लिए भाषा के माध्यम का विस्तार कर दिया है।
इसका मकसद हिंदी भाषी लोगों को मुकदमे की प्रक्रिया, उनके अधिकारों और कर्तव्यों के बारे में सीखने में मदद करना है। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, संयुक्त अरब अमीरात की आबादी का करीब दो तिहाई हिस्सा विदेशों के प्रवासी लोग हैं। संयुक्त अरब अमीरात में भारतीय लोगों की संख्या 26 लाख है जो देश की कुल आबादी का 30 फीसदी है और यह देश का सबसे बड़ा प्रवासी समुदाय है।
एडीजेडी के अवर सचिव युसूफ सईद अल अब्री ने कहा कि दावा शीट, शिकायतों और अनुरोधों के लिए बहुभाषा लागू करने का मकसद प्लान 2021 की तर्ज पर न्यायिक सेवाओं को बढ़ावा देना और मुकदमे की प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ाना है। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य यहां काम करने वाले हिंदी भाषियों को मुकद्मों की प्रक्रिया सीखने में उनकी मदद करने के साथ-साथ उन्हें सहायता प्रदान करना है।
आपको बता दें कि प्रतिवर्ष विश्वभर में 14 सितंबर को 'हिंदी दिवस' मनाया जा रहा है हिंदी भाषा की बात ही निराली है जिसे ना सिर्फ इसे जानने वाले पसंद करते हैं बल्कि विदेशी भी इस भाषा से खासा लगाव रखते हैं। हिंदी भाषा को ऐसी कड़ी माना जाता है जो भारत को किसी भी देश के साथ आसानी से जोड़ने का काम करती है। ये हिंदी भाषा की मिठास ही है कि इसे देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी चाहने वालों की कमी नहीं है।
गौरतलब है कि 14 सितंबर, 1949 को हिंदी को राजभाषा का दर्जा मिला था उसी समय से हर साल यह दिन 'हिंदी दिवस' के रूप में मनाया जाता है।
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