मजलिस आमला ने सर्वसम्मति से मौलाना महमूद मदनी का इस्तीफ़ा नामंज़ूर किया

नई दिल्ली।जमीयत उलमा ए हिन्द की राष्ट्रीय कार्यकारिणी (क़ौमी मजलिसे आमला) की एक महत्वपूर्ण बैठक आज जमीयत के अध्यक्ष, मौलाना क़ारी सैयद मुहम्मद उस्मान मंसूरपुर की अध्यक्षता में जमीयत के मुख्य कार्यालय मदनी हाल नई दिल्ली में हुई। पिछली बैठक की कार्यवाही के अनुमोदन के बाद, संगठन के महासचिव के पद से मौलाना महमूद मदनी के इस्तीफ़े पर विचार किया गया। मजलिस आमला ने सर्वसम्मति से उनका इस्तीफ़ा नामंजूर कर दिया। मौलाना मेहमूद मदनी महासचिव पद पर पहले की तरह काम करते रहेंगे। इस इस्तीफ़े पर विचार करने के लिए ही अध्यक्ष मौलाना उस्मान मन्सूर पुरी ने यह विशेष बैठक बुलाई थी।

एक अन्य महत्वपूर्ण प्रस्ताव में, मजलिस आमला ने हाल के दिनों में NIA द्वारा “आतंकवाद“ के नाम से जो गिरफ़्तारियों की हैं उन पर चिंता व्यक्त की गई। मजलिस आमला ने विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करके आतंकवाद के बारे में अपनी पहले की स्थिति को दोहराया और कहा कि आतंकवाद की रोकथाम के बारे में गुप्त एजेंसियों का व्यवहार और काम करने का तरीक़ा भी इस प्रकार की मानसिकता को बढ़ावा देने के लिए ज़िम्मेदार है। निर्दोष लोगों, विशेष रूप से निर्दोष युवकों की अंधाधुंध गिरफ्तारियों और अदालतों द्वार बड़ी संख्या में इस तरह के आरोपियों को दोषमुक्त करके छोडे जाने से एजेंसियों के विश्वसनीयता पर एक प्रश्न चिंह लग गया है। और अब यह भी कहा जाने लगा है कि युवाओं को फ़ंसाने के लिए जाल बिछाया जाता है। जमीयत उलमा हिंद हर प्रकार की आतंकवादी गतिविधियों व सोच की निंदा करती है और विशेष रूप से युवाओं को और साथ ही सभी मुसलमानों को सचेत करती है कि आतंकवादी सोच और गतिविधियां इस्लामी शरीअत में अत्यंत घृणित और जघन्य अपराध है। उसका जिहाद और इस्लाम से हरगिज़ कोई सम्बंध नहीं है। इसलिए इससे पूरी तरह सावधान रहें और किसी के बहकावे या धोखे में हरग़िज़ न आएं। इसके साथ ही कार्यकारिणी ने लोगों की अंधाधुंध गिरफ़्तारियों पर जीमयत की ओर से होने वाली क़ानूनी कार्रवाई का समर्थन करते हुए उनको जारी रखने का निर्देश दिया।

जमीयत की स्थापना के सौ साल पूरे होने पर जारी शताब्दी समारोह को अधिक सार्थक बनाने के लिए कार्यकारिणी ने एक समिति का गठन किया जिस में मौलाना महमूद मदनी, मौलाना नियाज़ अहमद फारूकी, मौलाना मुफ़्ती मुहम्मद सलमान मन्सूरपुरी, मौलाना सिद्दीकुल्लाह चौधरी, मौलाना मतीनुलहक ओसामा कानपुरी सदस्य होंगे। मौलाना मुइज़्जुद्दीन अहमद संयोजक बनाए गए हैं। इसके अलावा जमीयत यूथ क्लब के संबंध में भी एक समिति का गठन किया गया।

कार्यकारिणी ने जमीयत उलेमा ए हिंद से सम्बंधित और देश की कई अन्य महत्वपूर्ण हस्तियों के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है। विशेषकर मौलाना हसीब सिद्दीकी देवबंद, मौलाना मुहम्मद क़ासिम पटना, मौलाना असरारुल हक क़ासमी, किशनगंज, मौलाना याकूब मद्रासी, मौलाना वाजे़ह रशीद नदवी और दूसरे मरहूमीन के लिए ताज़ियत की और मग़फिरत की दुआ मांगी है।

बैठक में जमीयत उलेमा ए हिंद के अध्यक्ष मौलाना क़ारी मुहम्मद उस्मान मन्सूरपूरी के अलावा सदस्यों में से मौलाना अमानुल्लाह क़ासमी उपाध्यक्ष जमीयत उलमा, मौलाना महमूद मदनी, महासचिव तथा मौलाना रहमतुल्ला कश्मीरी, मौलाना क़ारी शौकत अली, मौलाना बदरुद्दीन अजमल, अध्यक्ष जमीयत उलेमा असम, मौलाना नदीम सिद्दीकी अध्यक्ष जमीयत उलेमा महाराष्ट्र, मौलाना हाफ़िज़ पीर शब्बीर अहमद अध्यक्ष जमीयत उलेमा तेलंगाना व आंध्र प्रदेश, मौलाना मुफ़्ती मुहम्मद सलमान मन्सूरपुरी मुरादाबाद, मुफ़्ती जावेद इकबाल किशन गंज, मौलाना सैयद सिराजुद्दीन मुईनी अजमेर, शकील अहमद सैयद एडवोकेट सुप्रीम कोर्ट, मुफ़्ती इफ़्तिख़ार अहमद, अध्यक्ष जमीयत उलेमा कर्नाटक, मौलाना सिद्दीकुल्लाह चैधरी अध्यक्ष जमीयत उलेमा पश्चिम बंगाल, मौलाना मुहम्मद रफीक मज़ाहिरी, अध्यक्ष जमीयत उलेमा गुजरात, मौलाना मतीनुलहक ओसामा अध्यक्ष जमीयत उलेमा यू. पी., मौलाना मुइज़्ज़ुद्दीन अहमद, मौलाना मुफ़्ती मुहम्मद राशिद आजमी दारुलउलूम देवबंद, मौलाना नियाज़ अहमद फारूक़ी के अलावा विशेष आमंत्रित क़ारी मुहम्मद अमीन पोखरन अध्यक्ष जमीयत उलेमा राजस्थान, मौलाना मुहम्मद आक़िल गढ़ीदौलत, मुफ़्ती अहमद दैवला, गुजरात, डॉक्टर सईदुद्दीन क़ासमी दिल्ली, मौलाना अब्दुल क़ादिर असम, हाजी मुहम्मद हारून भोपाल, डॉक्टर मसूद अहमद आज़मी, मौलाना अब्दुल कुद्दूस पालनपूरी, डॉ मुहम्मद इस्लाम कासमी अध्यक्ष जमीयत उलेमाउत्तराखंड, मौलाना मुहम्मद जाबिर अध्यक्ष जमीयत उलेमाओडिशा, मौलाना गुलाम क़ादिर पूंछ, क़ारी मुहम्मद अय्यूब उपाध्यक्ष जमीयत उलेमामहाराष्ट्र और मौलाना कलीमुल्लाह ख़ां शरीक हुए।