महा-हड़ताल का किया आगाज-निकाला मोटर साईकिल जुलूस

लखनऊ: कर्मचारी, शिक्षक, अधिकारी-पुरानी पेंशन बहाली मंच के आह्वान पर कल 06 फरवरी से होने वाली प्रदेश व्यापी महा-हड़ताल के पूर्व आज प्रदेश के समस्त जनपदों में मोटर साईकिल रैली निकालकर कार्यालयों में जन-जागरण किया गया। महाहड़ताल के लिए संकल्प ले चुुके राज्य कर्मचारियों, शिक्षकों और अधिकारियों का उत्साह इस मोटरसाइकिल रैली में दिखाई पड़़ा। राजधानी लखनऊ में डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ भवन से मोटर साईकिल रैली मंच के जनपद संयोजक बी0एस0 डोलिया के नेतृत्व में निकाली गई, मोटर साईकिल रैली विभिन्न कार्यालयों से होते हुए वापस संघ भवन में समाप्त हुई। कार्यालयों में कर्मचारियों ने रैली का पूरे जोश-खरोश के साथ स्वागत किया तथा महा-हड़ताल को पूरी तरह से सफल बनाने का आवाह्न किया। रैली में डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ लो0नि0वि0 के वरिष्ठ उपाध्यक्ष इं0 दिवाकर राय, इं0 राजेश वर्मा, इं0 रामवीर, इं0 राजर्षि त्रिपाठी, मंच की चेयरमैन संघर्ष समिति अमिता त्रिपाठी, अधिकारी महापरिषद की इन्द्रासन ंिसंह, परिषद के संगठन मंत्री संजीव गुप्ता, संयुक्त मंत्री अविनाश चन्द्र श्रीवास्तव, सुभाष चन्द्र तिवारी, अनुज कुमार शुक्ला, विरेन्द्र यादव, राम सुरेश सिंह, धर्मेन्द्र सिंह, राजेश सिंह, सत्येन्द्र द्विवेदी, राधारमण मिश्रा, दुधनाथ, आर0के0 पाल, गिरीश पाण्डेय, सुरेश यादव, वन्दना सक्सेना, नीलम श्रीवास्तव, विमल यादव, धर्मपाल साहू, जितेन्द्र, विचित्र कुमार साहू, अयोध्या प्रसाद पाण्डेय सहित अनेक पदाधिकारियों एवं बड़ी संख्या में कर्मचारी, शिक्षक एवं अधिकारियों ने हिस्सा लिया।

मोटर साईकिल रैली के उपरान्त मंच के अध्यक्ष डा0 दिनेश चन्द्र शर्मा, चेयरमैन संघर्ष समिति श्री शिवबरन सिंह यादव, ने बताया की पुरानी पेंशन बहाली हेतु लगभग छः माह पूर्व हम सभी शिक्षक, कर्मचारी एवं अधिकारी संगठनों ने एकजुट होकर कर्मचारी, शिक्षक, अधिकारी पुरानी पेंशन बहाली मंच का गठन किया था ताकि पुरानी पेंशन बहाली की लड़ाई को मजबूती से लड़ा जा सके। मंच ने आन्दोलन कार्यक्रम शुरू किये जिसके तहत जनपदों में धरना प्रर्दशन के साथ ही 08 अक्टूबर, 2018 को राजधानी लखनऊ के ईको गार्डेन में लाखों कर्मचारी, शिक्षक एवं अधिकारियों ने महा-रैली कर सरकार को अपनी ताकत दिखाने का काम किया था एवं अगले चरण में 25, 26 एवं 27 अक्टूबर, 2018 को प्रदेश व्यापी हड़ताल प्रस्तावित थी उसके पूर्व ही मा0 मुख्यमंत्री ने मंच के पदाधिकारियों के साथ वार्ता कर पुरानी पेंशन बहाली हेतु कमेटी का गठन करके 02 माह में निर्णय लेने का अश्वासन दिया था परन्तु तय समय व्यतीत होने जाने के बावजूद भी शासन में बैठे अधिकारियों की निष्क्रियता के चलते कमेटी द्वारा कोई निर्णय नहीं लिया जा सका। अतः पुरानी पेंशन बहाली मंच को मजबूर होकर पुनः आन्दोलन का रास्ता अपनाना पड़ा। पुनः आन्दोलन की घोषण के बाद भी सरकार को भरपूर समय दिया गया। परन्तु शासन द्वारा पुरानी पेश्ंान बहाली हेतु कोई निर्णायक कदम न उठाने से आज प्रदेश के लाखों कर्मचारी, शिक्षक एवं अधिकारी हड़ताल करने को मजबूर हुए है। इसके लिये पूरी तरह से सरकार जिम्मेदार है। हक मांगने के लिए आन्दोलन हमारा लोकतांत्रिक अधिकार है सरकार इसका दमन एस्मा लगाकर नही कर सकती।