लखनऊ: ट्रेवल प्लेटफॉर्म ixigo ने अर्ध कुम्भ मेला 2019 के लिए ट्रैवल ट्रेंड पर एक सर्वे किया, जिसमें मिले परिणामों के अनुसार इस सांस्कृतिक उत्सव में युवाओं की हिस्सेदारी काफ़ी बढ़ी है। 15-35 वर्ष की आयु सीमा में 66% भारतीय युवाओं ने इस महापर्व में भाग लेने का विकल्प चुना।

ixigo द्वारा किए गए इस सर्वे से यह भी पता चला कि इस वर्ष, 38% यात्री आध्यात्मिकता, धार्मिक रीति-रिवाजों और स्नान आदि की बजाय एक संपूर्ण सांस्कृतिक अनुभव प्राप्त करने के लिए कुम्भ जा रहे हैं। 83% यात्रियों ने कुम्भ की यात्रा के लिए ट्रेन को अपना पसंदीदा माध्यम बताया, जबकि 6% और 5% यात्रियों ने क्रमशः फ़्लाइट और बस का चुनाव किया।यह ट्रैवल ट्रेंड सर्वे देश भर के टियर 1 और टियर 2 शहरों में किया गया था।

सर्वे से मिले परिणामों के मुताबिक, 60% यात्रियों ने 500-3000 रूपये प्रति रात्रि किराये वाले बजट होटलों के विकल्प में रूचि दिखाई है, जबकि 22% यात्री ठहरने के लिए 3000-5000 रूपये प्रति रात्रि खर्च करने को तैयार हैं।होम स्टे का विकल्प चुनने वाले यात्रियों की संख्या भी बढ़ी है, 15% से अधिक लोगों ने होटल के बजाय होम स्टे का विकल्प चुना। केवल 3% यात्री कुम्भ मेले में रहने के विकल्पों पर 10,000 रूपये या उससे अधिक खर्च करने के इच्छुक हैं।ट्रेंड रिपोर्ट से मिली जानकारी के अनुसार, 47% यात्री कुम्भ से जुड़े सारे अपडेट सोशल मीडिया पोस्ट, फेसबुक, इंस्टाग्राम और ट्विटर पर वीडियो द्वारा जानना पसंद करेंगे। सरकार पहले ही कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कुम्भ उत्सव का प्रचार बड़े स्तर पर कर रही है।

आलोक बाजपेयी, सीईओ एवं को-फाउंडर, ixigo ने सर्वे के परिणामों पर अपनी राय देते हुए कहा, "पिछले कई सालों में यह मेला, एक बहुत बड़े स्तर पर होने वाले सांस्कृतिक उत्सव के रूप में उभरकर आया है जो कि परंपरा और ट्रेंड के अद्भुत मिश्रण का उदाहरण है। हमनें पुणे, नासिक, चेन्नई, भोपाल और हैदराबाद जैसे शहरों के कामकाज़ी युवाओं और यात्रियों द्वारा ट्रैवल सर्च में औसतन 30% की वृद्धि देखी है। इस बढ़ती हुई मांग को पूरा करने के लिए हमनें अपने trains ऐप पर एक अर्ध कुम्भ पेज शुरू किया है, जिससे लोगों को अर्ध कुम्भ 2019 से जुड़े समाचार अपडेट, परिवहन की जानकारी, होटल की उपलब्धता, वीडियो आदि प्राप्त होते रहेंगे।"

इस वर्ष, अर्ध कुम्भ में युवाओं के लिए सांस्कृतिक मूल्यों के उत्थान और भारत के गौरवशाली विरासत के बारे में जागरूकता बढ़ाने हेतु ‘युवा कुम्भ’ जैसे कई कार्यक्रम और गतिविधियाँ आयोजित की जा रही हैं। भारत के शिक्षा, संस्कृति और विकास के आधुनिकीकरण पर अपने विचार शेयर करने के लिए ‘युवा कुम्भ’ में हाल ही में 5,000 के करीब युवा एक साथ एकत्रित हुए।