पटना: लोकसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान होने में अभी कुछ समय बाकी है लेकिन राजनितिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। चुनाव से पहले बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) को झटका लगा है। पार्टी के एमएलसी और पूर्व विधायक ऋषि मिश्रा ने जेडीयू छोड़कर कांग्रेस का हाथ थामने का निर्णय लिया है। मीडिया से बात करते हुए ऋषि मिश्रा ने कहा कि जेडीयू के साथ काम करने में बहुत दिक्कत हो रही थी इसलिए उन्होंने पार्टी छोड़ने का निर्णय लिया।

उन्होंने कहा, 'जेडीयू के साथ काम करने में बहुत परेशानी हो रही थी। पिछला चुनाव हम भाजपा के खिलाफ लड़े थे, मेरी विधानसभा के लोगों ने भाजपा के खिलाफ वोट दिया था। तो मैं कैसे लोगों को अब इसका जवाब देता? मेरे नीतीश जी के साथ कोई मतभेद नहीं हैं, लेकिन मैं भाजपा के साथ कार्य नहीं कर सकता। मैं आज कांग्रेस ज्वॉइन करूंगा।'

वहीं जेडीयू के सूत्रों का कहना है कि ऋषि मिश्रा के पार्टी छोड़ने का कारण वह नहीं है जो वो बता रहे हैं। पार्टी सूत्रों ने बताया, 'मिश्रा ने पार्टी इसलिए छोड़ी क्योंकि जिस सीट से वह चुनाव लड़ते थे इस बार भाजपा-जेडीयू के गठबंधन के चलते वह सीट भाजपा के खाते में जाएगा और यहां से वर्तमान में भी भाजपा का ही विधायक है। इसलिए मिश्रा के लिए जेडीयू में यहां से कोई जगह नहीं बन रही थी।' आपको बता दें कि ऋषि पूर्व रेल मंत्री ललित नारायण मिश्रा के पोते हैं।

आपको बता दें कि आगामी लोकसभा चुनाव के लिए बिहार एनडीए में सीटों को लेकर बंटवारा हो गया है। 40 लोकसभा सीटों वाले राज्य में बीजेपी 17, जेडीयू 17 और एलजेपी 6 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। लोक जन शक्ति पार्टी के नेता रामविलास पासवान को राज्यसभा भी भेजा जाएगा। कुछ समय पहले कॉन्फ्रेंस कर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ये ऐलान किया था।