नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने अधिकारियों को 'विपक्षी राजनीतिक नेताओं को अपमानित करने' के लिए नोटिस भेजने के लिए मजबूर कर रहे हैं. ममता बनर्जी ने शुक्रवार को कहा कि अगर अधिकारी उन्हें गिरफ्तार भी करते हैं तो उन्हें कोई दिक्कत नहीं होगी. ममता बनर्जी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि मैंने अंतरिम बजट का विरोध किया है. मैंने आपके सामने कुछ शब्द कहे हैं. अगर इसके लिए मुझे भी गिरफ्तार करते हैं, तो मुझे कोई दिक्कत नहीं है.

ममता बनर्जी ने तुरंत यह भी कहा कि मेरी हिंदी उतनी अच्छी नहीं है. मैंने कहा कि वे ऐसा कर सकते हैं क्योंकि यह उनकी आदत है. हालांकि, तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ने यह भी कहा कि वह अधिकारियों को दोषी नहीं ठहरा रही हैं.

ममता बनर्जी ने कहा कि 'मैं अधिकारियों को दोष नहीं देती, क्योंकि वे ऐसा करने के लिए मजबूर हैं. मुझे बताया गया है कि नरेंद्र मोदी जी उन्हें आवास पर बुलाते हैं. वह फिर उन्हें कहते हैं कि कुछ करो, लोगों की नजरों में विपक्ष को नीचा दिखाने के लिए कुछ करो.'

उन्होंने आगे कहा कि वह उस दिन की प्रतीक्षा कर रही हैं, जब उनके भोजन पकाने वाले व्यक्ति यानी रसोइया से भी सरकारी एजेंसियों द्वारा पूछताछ की जाएगी. ममता बनर्जी का यह विस्फोटक अंदाज ऐसे वक्त में आया है, जब एक दिन पहले उनके करीबी सहयोगी माणिक मजूमदार से शारदा चिट फंड घोटाला मामले में सीबीआई ने पूछताछ की. बता दें कि ममता बनर्जी की दक्षिण कोलकाता के कालीघाट स्थित छोटे से कार्यालय में मजूमदार लंबे समय तक सचिव रहे थे. इसी पर ममता बनर्जी की नाराजगी सामने आई है.

सीबीआई ने बताया कि राजनीति में शुरुआती दिनों से ही मजूमदार सीएम ममता बनर्जी के करीबी रहे हैं. उन्हें एजेंसी ने पेश होने के लिए नोटिस दिया था लेकिन उन्होंने बीमारी और उम्र का हवाला देते हुए पेश होने में असमर्थता जताई थी.

हालांकि, ममता बनर्जी ने पीएम मोदी को चुनौती देते हुए कहा कि जिस तरह से हम अपनी राजनीति शुद्ध दिल से करते हैं, वैसा कोई और नहीं करता है. उन्होंने आरोप लगाया कि पीएम मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार इसे 'व्यक्तिगत रूप से' लड़ रही है क्योंकि वे राजनीतिक रूप से विपक्ष का सामना करने में असमर्थ है.