नई दिल्ली: एनडीए सरकार ने अपने अंतरिम बजट में टैक्स छूट को 2.5 लाख रुपए से बढ़ाकर 5 लाख रुपए तक कर दिया है। सरकार ने करदाताओं को ये टैक्स छूट सेक्शन 87ए के तहत दी है। इस सेक्शन के तहत करदाताओं को पहले 2500 रुपए की टैक्स छूट दी जाती थी, जिसे सरकार ने बढ़ाकर 12,500 रुपए कर दिया है। यानी सरकार ने इनकम टैक्स नियमों में कोई बदलाव नहीं किया है।

सीए कीर्ति कुमार जोशी ने बताया कि, दरअसल नई घोषणा के बाद 5 लाख रुपए तक की सालाना आय वाले करदाताओं को इनकम टैक्स नहीं भरना होगा। लेकिन उन्हें इनकम टैक्स रिटर्न भरना होगा। ये टैक्स शून्य आय पर भरा जाएगा। बता दें कि हर साल 31 जुलाई इनकम टैक्स रिटर्न भरने की आखिरी तारीख होती है। यदि 2.5 लाख रुपए से 5 लाख तक की सालाना आय वाले करदाताओं ने शून्य आय पर टैक्स नहीं भरा, तो उन्हें पेनल्टी देनी होगी।

वहीं अगर करदाताओं ने 31 दिसंबर तक टैक्स रिटर्न नहीं भरा तो उन्हें 10 हजार रुपए तक की पेनल्टी देनी पड़ सकती है। इनकम टैक्स रिटर्न के नियम के मुताबिक 5 लाख रुपए से कम आय वाले करदाताओं को समय पर इनकम टैक्स रिटर्न ना भरने पर 1000 रुपए की पेनल्टी देनी होगी। वहीं 5 लाख रुपए से ज्यादा आय वाले करदाताओं को 31 जुलाई तक इनकम टैक्स रिटर्न ना फाइल करने पर 5 हजार रुपए की पेनल्टी देनी होगी।

जबकि 31 दिसंबर के बाद आईटीआर फाइल करने पर 10 हजार रुपए की पेनल्टी भरनी होगी। हालांकि कानून में इन्हें पेनल्टी ना लिखकर फीस लिखा गया है। बजट 2019 में हुई घोषणा के मुताबिक करदाताओं को इनकम टैक्स में छूट दी जाएगी, जबकि उन्हें इनकम टैक्स रिटर्न भरना ही होगा। इसलिए करदाता वक्त पर अपना आईटीआर फाइल करके पेनल्टी से बच सकते हैं।