नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी को त्रिपुरा से एक झटका लगा है। यहां के पूर्व विधायक और भाजपा नेता राजेश्वर देबबर्मा ने पार्टी छोड़ दी है। इसके साथ ही देबबर्मा ने बीजेपी पर निशाना साधा है। देबबर्मा ने पश्चिम त्रिपुरा के माधबर में गोली से घायल हुए तीन लोगों पर पुलिस कार्रवाई और नागरिकता संशोधन विधेयक के विरोध में पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया।

राजेश्वर देबबर्मा ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब को एक पत्र लिख कहा, ‘बीजेपी की अगुवाई वाली एनडीए सरकार ने नागरिकता संशोधन बिल 2016 को लोकसभा में पास कर त्रिपुरा की जनता के साथ नस्लीय भेदभाव और बुरे व्यवहार का अपना असली चेहरा दिखाया है।’

त्रिपुरा की सत्ताधारी भाजपा-आईपीएफटी सरकार पर देबबर्मा ने आरोप लगाते हुए कहा कि वह क्षुद्र और विभाजनकारी राजनीति करने में लगी हुई है। उन्होंने राज्य सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि टीएसआर और पुलिस कर्मियों ने अचानक 8 जनवरी को मदभरी बिल के खिलाफ “लोकतांत्रिक और शांतिपूर्ण आंदोलन” कर रहे छात्र समुदाय के निर्दोष और शांतिपूर्ण आंदोलनकारियों पर गोलियां चला दीं।

उन्होंने कहा, ‘माधबर में हुई घटना क्रूरता से भरी थी, जिसे पहले से रचा गया था। प्रदेश में घटी यह घटना शांति के खिलाफ है। राजेश्वर ने अपने पत्र में कहा कि, त्रिपुरा की सरकार राज्य में शांति बनाए रखने में पूरी तरह से नाकाम रही है, जो टीएसआर और त्रिपुरा पुलिस के तथाकथित विरोधियों द्वारा की गई थी।’ राजेश्वर ने कहा कि, वह त्रिपुरा में आदिवासी लोगों के जीवन और स्वतंत्रता की रक्षा करने में बिप्लब देब सरकार के प्रदर्शन से नाखुश हैं। उन्होंने कहा कि सरकार बीते 10 महीनों में सुशासन देने में विफल रही।