नई दिल्ली: जगदगुरू शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के द्वारा बुलाई गई धर्म संसद में राम मंदिर के शिलान्यास की तारीख पर फैसला ले लिया गया है। स्वामी स्वरूपानंद की धर्म संसद में फैसला लिया गया है कि 21 फरवरी से राममंदिर का निर्माण के लिए साधु संत अयोध्या की ओर कूच करेंगे। स्वामी स्वरूपानंद ने कहा कि साधु सन्यासी 21 फरवरी को अयोध्या पहुंचेंगे।
स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती की अध्यक्षता वाली तीन दिवसीय धर्मसंसद कुंभ 2019 के दौरान प्रयागराज में आयोजित की गई थी। धर्म संसद के तीसरे दिन यह फैसला लिया गया है। बृहस्पतिवार को विश्व हिंदू परिषद ने भी धर्म संसद बुलाई है। जिसमें अलग-अलग अखाड़ों और मठ के साधु संत शामिल होंगे।
शंकराचार्य ने फिलहाल धर्मसंसद के मौके पर सरकार पर भी निशाना साधा। इसमें उन्होंने कहा कि सरकारें केवल राजनीति कर रही हैं। अब साधु संतों को ही राम मंदिर निर्माण के लिए आगे आना होगा। फिलहाल देखने वाली बात होगी कि आगे क्या होता है। क्या दूसरे शंकराचार्य और उनके मठ इसका समर्थन करेंगे या नहीं।
आपको बता दें कि राम मंदिर मामले पर 29 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी थी। लेकिन एक जज के छुट्टी पर होने के कारण इस मामले में सुनवाई नहीं हो सकी। धर्म संसद के इस फैसले के बाद ऐसा लगता है जैसे साधु सन्यासियों के सब्र का बांध टूट रहा है।
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