रोज़गार के आंकड़ों की रिपोर्ट सार्वजनिक न करने से थे नाराज़

नई दिल्ली: राष्‍ट्रीय सैंपल सर्वे संगठन (NSSO) के साल 2017-18 के रोजगार और बेरोजगारी पर पहले वार्षिक सर्वे को रोके जाने का विरोध करते हुए राष्‍ट्रीय सांख्यिकी आयोग (NSC) के कार्यवाहक चेयरपर्सन ने सोमवार (28 जनवरी) को इस्‍तीफा दे दिया। उनके एक और सहयोगी ने भी पद छोड़ दिया है। सांख्यिकीविद पीसी मोहनन और दिल्‍ली स्‍कूल ऑफ इकॉनमिक्‍स में प्रोफेसर जेवी मीनाक्षी को जून, 2017 में NSC का सदस्‍य नियुक्‍त किया गया था। दोनों को तीन साल का कार्यकाल दिया गया था। वर्तमान में NSC में उसके पदेन सदस्‍य, नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ही कमान संभाल रहे हैं।

NSSO की जिस रिपोर्ट में देरी को लेकर दोनों ने इस्‍तीफा दिया, वह इस सरकार में आने वाली इस तरह की पहली रिपोर्ट है। माना जा रहा था कि इसमें नोटबंदी के बाद कम हुई नौकरियों के बारे में आंकड़े सामने आएंगे। NSC 2006 में बनी एक स्‍वायत्‍त संस्‍था है। इसका काम देश की सांख्यिकीय प्रणाली की समीक्षा करना है। तीन साल पहले जीडीपी आधारित डेटा के अंतिम रूप को लेकर नीति आयोग ने NSC को किनारे कर दिया था।

मोहनन ने एक अंग्रेजी अखबार से कहा, “सामान्‍य परिपाटी यह है कि NSSO अपने निष्‍कर्षों को आयोग के सामने रखता है और एक बार अनुमोदित किए जाने के बाद, रिपोर्ट अगले कुछ दिनों में जारी कर दी जाती है। हमने NSSO सर्वे को दिसंबर (2018) की शुरुआत में स्‍वीकृति दे दी थी लेकिन करीब दो महीने गुजर जाने के बाद भी रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया गया है।”

मोहनन ने कहा, “एक समय तक यह नोटिस किया गया कि सरकार NSC को गंभीरता से नहीं ले रही थी। बड़े फैसले लेते समय NSC को अंधेरे में रखा गया। हम प्रभावी ढंग से अपने कर्त्‍तव्‍यों का निर्वहन नहीं कर पा रहे थे।” NSSO के एक सूत्र ने अख़बार से कहा, “2017-18 जॉब सर्वे में रोजगार को लेकर आंकड़े अच्‍छे नहीं हैं, इसे रोकने की सबसे बड़ी वजह यही नजर आती है।”

NSSO इससे पहले तक, पांच साल में एक बार रोजगार/बेरोजगारी का सर्वे करता था। पिछली बार इस तरह का सर्वे 2011-12 में जारी किया गया था। अगला सर्वे 2016-17 में आ जाना चाहिए था। लेकिन बहुत सोचने के बाद NSC ने वार्षिक के साथ-साथ त्रैमासिक सर्वे कराने का भी फैसला किया। जुलाई 2017 से जून 2018 के मध्‍य किए गए NSSO के पहले वार्षिक सर्वे में नोटबंदी से पहले और बाद के आंकड़े शामिल किए गए हैं।