नई दिल्ली : कांग्रेस पार्टी ने बुधवार को प्रियंका गांधी वाड्रा की राजनीतिक भूमिका का विस्तार कर दिया। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपनी बहन प्रियंका को पूर्वी उत्तर प्रदेश का महासचिव नियुक्त किया है। इससे जाहिर है कि प्रियंका गांधी अमेठी और रायबरेली की अपनी सीमित भूमिका से आगे निकलकर सक्रिय राजनीति का हिस्सा बनेंगी। पार्टी का महासचिव बनाए जाने के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस पर तंज कसा है। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि प्रियंका गांधी को राजनीति लाकर कांग्रेस ने राहुल की नाकामी घोषित की है।

प्रियंका को महासचिव बनाए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा प्रवक्ता ने कहा, 'कांग्रेस ने इस कदम से अपनी वंशवादी राजनीति को आगे बढ़ाया है। प्रियंका गांधी को राजनीति में लाकर कांग्रेस ने राहुल गांधी की नाकामी घोषित कर दी है। देश ने राहुल गांधी को नकार दिया है। अब कांग्रेस पार्टी परिवार में ही बैसाखी ढूंढ रही है। यहां पार्टी ही परिवार और परिवार ही पार्टी है।'

कांग्रेस ने कहा कि प्रिंयका गांधी फरवरी के पहले सप्ताह से अपना कार्यभार संभालेंगी। प्रियंका अब तक चुनावों के दौरान खुद को रायबरेली और अमेठी निर्वाचन क्षेत्रों तक सीमित रखती आई हैं। यूपीए चेयरमैन एवं उनकी मां सोनिया गांधी रायबरेली से और राहुल गांधी अमेठी से सांसद हैं। प्रियंका गांधी अपने भाई और मां के लिए चुनाव प्रचार और समय-समय पर वहां का दौरा करती रही हैं।

प्रियंका के अलावा कांग्रेस ने केसी वेणुगोपाल को एआईसीसी का महासचिव (संगठन), ज्योतिरादित्य सिंधिया महासचिव यूपी वेस्ट, गुलाम नबी आजाद महासचिव हरियाणा पद पर नियुक्ति की है। राजनीति में प्रियंका की औपचारिक शुरुआत होने के बाद राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है। इसे लेकर चर्चा शुरू हो गई है कि क्या प्रियंका गांधी आगामी लोकसभा चुनावों में कांग्रेस के लिए तुरूप का इक्का साबित होंगी।