लखनऊ: एलटीएफएच ने पीएटी के मद में तिमाही वित्‍त वर्ष 18 के 321 करोड़ रुपये के मुकाबले वर्तमान तिमाही वित्‍त वर्ष 19 में 580 करोड़ रुपये दर्ज किया, जो 81% वृद्धि दर्शाता है. तिमाही1 वित्‍त वर्ष 19 में 18.45% का आरओइ हासिल करके एलटीएफएच ने तिमाही वित्‍त वर्ष 19 में 18.34% आरओइ के साथ अपनी लाभकारिता बहाल राखी है. यह उपलब्धि सुद्रिः एनआइएम के साथ-साथ फी इनकम, लागत पर सख्त नियंत्रण और उन्नत संपदा गुणवत्ता की बदौलत हासिल की गयी है.

व्यवसाय में वृद्धि : अपने उधार कारोबार, जैसे कि रूरल फाइनेंस, हाउसिंग फाइनेंस और होलसेल फाइनेंस में एलटीएचएफ ने तिमाही3 वित्‍त वर्ष 19 में संपत्तियों में 23% सालाना वृद्धि दर्ज की. तिमाही3 वित्‍त वर्ष 19 के अंत में कुल पोर्टफोलियो में रूरल और हाउसिंग कारोबार का संयुक्त हिस्सा 50% रहा, जो तिमाही3 वित्‍त वर्ष 18 के अंत में 41% था.

एलटीएफएच ने अपने निवेश प्रबंधन और धन प्रबंधन व्यवसायों में भी वृद्धि दर्ज की. निवेश प्रबंधन व्यवसाय में प्रबंधनाधीन औसत संपत्ति (एएयुएम) की राशि वित्त वर्ष 18 की तीसरी तिमाही में दर्ज रु. 60,313 करोड़ पर 15% वृद्धि के साथ बढ़कर वित्त वर्ष 19 की तीसरी तिमाही में रु. 69,080 करोड़ पर दर्ज हुयी. धन प्रबंधन व्यव्साय में सेवाधीन संपत्ति (एयुएस) वित्त वर्ष 18 की तीसरी तिमाही में दर्ज रु. 17,102 करोड़ पर 34% वृद्धि के साथ बढ़कर वित्त वर्ष 19 की तीसरी तिमाही में रु. 22,887 करोड़ पर दर्ज हुयी.

संपत्ति की गुणवत्ता में सुधार : एलटीएफएच ने स्टेज 3 संपत्तियों में ऐब्सलूट और परसेंटेज दोनों मामलों में भारी कमी प्रदर्शित की है. यह उपलब्धि आरंभिक चेतावनी संकेतों की सतत निगरानी, उधार शीघ्र वसूली और स्टेज 3 के समाधान के ठोस प्रयासों की बगौलत हासिल की गयी. एलटीएफएच का प्रावधान कवरेज भी इस अवधि में बढ़ा है जो इसके पोर्टफोलियो की शक्ति का संकेत है.