नई दिल्ली: देश की राजनीतिक पार्टियों को वर्ष 2017-18 में मिलने वाले चंदे में से 50 प्रतिशत से ज्यादा हिस्सा अज्ञात स्त्रोत से आया है। इसमें इलेक्टोरल बॉन्ड और स्वैच्छिक योगदान शामिल है। यह खुलासा एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की रिपोर्ट से हुआ है। साथ ही यह भी खुलासा हुआ है कि अज्ञात स्त्रोतों से प्राप्त आय के मामले में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी भाजपा की है। एडीआर ने बुधवार को देश की छह राष्ट्रीय पार्टियों द्वारा चुनाव आयोग के समक्ष आयकर और चंदा के बारे में दी गई रिपोर्ट को जारी किया। पीटीआई के अनुसार, इस रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि वर्ष 2017-18 में भाजपा, कांग्रेस, सीपीआई, बीएसपी, टीएमसी और एनसीपी की कुल आय 1293.05 करोड़ रुपये है। इस कुल आय में 53 प्रतिशत अर्थात 689.44 करोड़ रुपये अज्ञात स्त्रोत से मिले हैं। इसमें से 553.38 करोड़ रुपये सिर्फ भाजपा को अज्ञात स्त्रोत से मिले, जो कि राष्ट्रीय पार्टी की कुल आय का 80 प्रतिशत है।

रिपोर्ट के अनुसार, सभी पार्टियों को अज्ञात स्त्रोत से हुई कुल आय 689.44 करोड़ में से इलेक्टोरल बॉन्ड 215 करोड़ रुपये (31 प्रतिशत) है। पार्टियों ने 354.22 करोड़ रुपये अर्थात 51 प्रतिशत से ज्यादा फंड स्वैच्छिक योगदान (20 हजार से कम) के माध्यम से प्राप्त किए हैं। अन्य स्त्रोतों से कुल आय 4.5 करोड़ रुपये है। वहीं, पार्टियों की कुल आय का 36 प्रतिशत यानि 467.13 करोड़ रुपये ज्ञात दाताओं से मिले हैं, जिनके बारे में चुनाव आयोग को जानकारी दी गई है। जबकि, 136.48 करोड़ रुपये ज्ञात स्त्रोत जैसे संपत्तियों को बेचने और प्रकाशन, सदस्यता शुल्क, बैंक ब्याज और पार्टी लेवी से मिले।

डोनेशन रिपोर्ट (जिसमें 20 हजार रुपये से ज्यादा चंदा देने वालों की जानकारी दी गई है) से पता चलता है कि सिर्फ 16.80 लाख रुपये राष्ट्रीय पार्टियों को नगद के रूप में दिए गए। सीपीआई (एम) जो कि एक राष्ट्रीय पार्टी है, उसके बारे में 2017-18 वित्त वर्ष की जानकारी उपलब्ध नहीं है। बता दें कि वर्तमान में राजनीतिक पार्टियों को 20 हजार रुपये से कम चंदा देने वाले व्यक्तियों या संगठनों के नाम के बारे में जानकारी देने की जरूरत नहीं है।