मुश्ताक़ अली अंसारी

अब ना विडंबना है न मजाक क्योंकि अंध भक्ति के सागर में हजारों नौजवान डुबकिया लगा रहा है झूठे आरक्षण की आड़ में सभी जाति संप्रदाय के नौजवानों को मूर्ख बनाने का काम किया जा रहा है। नौजवान शौक से मूर्ख बन रहा है मालूम हो कि 28 दिसंबर 2019 उत्तर प्रदेश सरकार के ग्राम विकास विभाग के सोशल आडिट निदेशालय द्वारा सोशल ऑडिट कराने हेतु सोशल ऑडिट टीम और सोशल ऑडिट बीआरपी की भर्ती के लिए विज्ञापन निकाला और उसमें आवेदकों की आयु सीमा 40 से 65 वर्ष रखी लेकिन पूरे प्रदेश में कहीं कोई आंदोलन नहीं कहीं कोई सुगबुगाहट नहीं हुई सिवाय लखीमपुर खीरी के जहां कुछ नौजवानों ने एकत्र होकर इसका विरोध किया और एमएलसी शशांक यादव जी के माध्यम से मंत्री ग्राम विकास डॉ महेंद्र सिंह को पत्र भेजा गया परंतु युवा विरोधी निष्ठुर सरकार ने नौजवानों को इस भर्ती में आवेदन करने का मौका नहीं दिया। तब हम देखते हैं 10 परसेंट सवर्ण आरक्षण की घोषणा के बाद भी रोजगार की संभावना किसी भी जाति संप्रदाय के नौजवानों के लिए नहीं बची है युवा परिवर्तनकामी होता है और यथास्थिति वादी सरकारें सदैव युवा विरोधी होती हैं जबकि मनरेगा कानून की धारा 17 स्थानीय युवकों को सोशल ऑडिट के लिए चिन्हित करने की बात कहती है ।
युवाओं को आगे आना ही होगा।वरना ये सरकारें युवा विरोधी अपकृत्य करती ही रहेंगी