नई दिल्ली: रूस से क्रीमिया को अलग करने वाले केर्च जलडमरूमध्य (स्ट्रेट) में दो पोतों में आग लग गई. इस हादसे में कम से कम 11 लोगों की मौत हो गई. मीडिया में मंगलवार को आई खबरों के मुताबिक इन पोतों के चालक दल के सदस्यों में भारत, तुर्की और लीबिया के नागरिक शामिल थे.
यह आग रूसी सीमा के जलक्षेत्र के पास सोमवार को लगी थी. दोनों पोतों पर तंजानिया के ध्वज लहरा रहे थे. इनमें से एक तरलीकृत प्राकृतिक गैस (लिक्विफाइड नैचुरल गैस) लेकर जा रहा था, जबकि दूसरा तेल टैंकर था. यह आग तब लगी जब दोनों पोत एक-दूसरे से ईंधन ट्रांसफर कर रहे थे.
रूसी संवाद समिति तास ने समुद्री अधिकारियों के हवाले से बताया कि इनमें से एक पोत कैंडी में चालक दल के 17 सदस्य मौजूद थे, जिनमें नौ तुर्की नागरिक एवं आठ भारतीय नागरिक थे. दूसरे पोत माइस्ट्रो में सात तुर्की नागरिकों, सात भारतीय नागरिकों और लीबिया के एक इंटर्न समेत चालक दल के 15 सदस्य सवार थे.
वहीं रूसी टेलिविजवन चैनल आरटी न्यूज ने रूसी समुद्री एजेंसी के हवाले से बताया कि कम से कम 11 नाविकों की मौत हुई है. एजेंसी के एक प्रवक्ता ने बताया, 'माना जा रहा है कि एक विस्फोट हुआ (एक पोत में). फिर यह आग दूसरे पोत तक फैल गई. बचाव नौका पहुंचाई जा रही है.”
प्रवक्ता ने बताया कि करीब तीन दर्जन नाविक नाव से कूद करबच निकल पाने में कामयाब हुए. अब तक 12 लोगों को समुद्र से निकाला जा चुका है. नौ नाविक अब भी लापता हैं.
खबर में बताया गया कि मौसम की मुश्किल परिस्थितियों की वजह से बचाव नौकाएं पीड़ितों को इलाज के लिए तट तक नहीं ले जा पा रही हैं.
केर्च जलडमरूमध्य एक महत्त्वपूर्ण जलमार्ग है, जो रूस और यूक्रेन दोनों के लिए ही सामरिक लिहाज से महत्त्व रखता है.
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