नई दिल्ली: अगले कुछ महीनों में भारत में लोकसभा का चुनाव होने वाला है. चुनाव के मद्देनजर फेक न्यूज एक गंभीर समस्या है. इसके जरिए मतदाताओं को भ्रमित कर दिया जाता है. इसके अलावा गलत चीजों को भी इतना प्रचारित किया जाता है कि मतदाताओं को सही उम्मीदवार चुनने में दिक्कत होती है. इसके लिए गूगल एक बहुत बड़ी पहल करने जा रही है. गूगल ने कहा कि भारत से संबंधित राजनीतिक विज्ञापनों से जुड़ी सूचनाएं मार्च से सार्वजनिक रूप से प्रस्तुत की जाएंगी. इसमें चुनावी विज्ञापन खरीदने वाले व्यक्ति और संबंधित विज्ञापन की जानकारी होगी.

गूगल ने भारत में इस साल अप्रैल-मई में होने वाले आम चुनाव से पहले राजनीतिक विज्ञापनों के मामले में पारदर्शिता बढ़ाने के लिये यह कदम उठाया है. गूगल ने बयान में कहा, " ऑनलाइन चुनावी विज्ञापन में और पारदर्शिता लाने के लिए कंपनी भारत पर केंद्रित एक ‘राजनीतिक विज्ञापन पारदर्शिता रिपोर्ट’ और एक सार्वजनिक ऑनलाइन राजनीतिक विज्ञापन लाइब्रेरी पेश करेगी जिसे लोग सर्च कर सकेंगे.’’

यह रिपोर्ट और विज्ञापन लाइब्रेरी मार्च 2019 से हर किसी के लिए सीधे उपलब्ध होगी. कंपनी ने कहा है, ‘‘ इसमें चुनावी विज्ञापन खरीदने वाले के बारे में और विज्ञापन पर कितना खर्च किया जा रहा है, इसकी विस्तृत जानकारी होगी." गूगल की इस पहल का उद्देश्य "ऑनलाइन राजनीतिक विज्ञापन में पारदर्शिता लाना है और मतदाताओं को चुनाव से संबंधित सूचनाएं देने में सक्षम बनाना है."

गूगल ने यह कदम ऐसे समय उठाया गया है कि जब डिजिटल प्लेटफॉर्मों पर राजनीतिक विज्ञापनों को लेकर पारदार्शिता लाने का भारी दबाव बना हुआ है. फेसबुक ने पिछले महीने कहा था कि वह राजनीतिक विज्ञापन देने वालों के लिए पहचान और लोकेशन की जानकारी देने को अनिवार्य बनाएगी.

फेसबुक ने अपने विज्ञापन पृष्ठ पर डाली गई एक पोस्ट में कहा था कि इस साल दुनिया भर में कई जगह आम चुनावों की तैयारियां चल रही हैं. हम बाहरी हस्तक्षेप को रोकने पर लगातार ध्यान दे रहे हैं. हमारे प्लेटफार्म पर जो भी विज्ञापन होगा उसमें लोगों को अधिक सूचना दी जाएगी. कंपनी ने कहा है कि भारत में फेसबुक एक विज्ञापन लाइब्रेरी शुरू करेगा और आम चुनावों से पहले विज्ञापनों की पुष्टि का नियम लागू करेगा. चुनाव अप्रैल-मई तक हो सकते हैं.