लखनऊ! ह्यूमन राइट्स मानिटरिंग फोरम आज दोपहर तीन बजे अपने कार्यालय पर “उत्तर प्रदेश की लखनऊ पुलिस एवं देश की बेहतरीन थानो में शुमार लखनऊ के थाना गुड़म्बा में यौन हिंसा की शिकार पीड़ितों की पुलिस द्वारा पिटाई करने और उत्तर प्रदेश में महिलाओं एवं बच्चों की सुरक्षा के सवाल” पर प्रेसवार्ता आयोजित किया।

ह्यूमन राइट्स मानिटरिंग फोरम द्वारा आयोजित प्रेसवार्ता में सर्वप्रथम पीड़ित सुखबीर सोनी ने बताया की लखनऊ के थाना गुड्म्मा क्षेत्र में रह कर वह मजदूरी का काम करते हैं! दिनांक 03.01.2019 को उनकी बच्ची को टाफी देने के बहाने मकान मालिक का लड़का सूरज ले गया और बच्ची को मोबाइल में गन्दी फिल्मे दिखाने लगा और उसके पैन्ट में हाथ डालकर पेशाब करने वाले जगह में उगली डाल रहा था! तब बच्ची रोने लगी,बच्ची के रोने की आवाज पर पिता देखने गया तो आरोपी सूरज सिंह भाग गया!

बाद में पीडिता के पिता द्वारा प्रतिरोध करने पर आरोपी ने उसे गन्दी-गन्दी गालिया देकर धमकी देते हुए बोला की यदि वह यह बात किसी को बताया या वहा दुबारा दिखाई दिया तो वह उसे गोली मार देगा! तदोपरांत दबंग आरोपी एवं उसके परिचित पुलिसकर्मी राकेश कुमार चतुर्वेदी के साथ मिलकर पीड़ित को लगातार धमका रहें थे और उस पर मोहल्ला को छोड़ कर कही और जाने का दबाव बना रहें थे, ऐसा नहीं करने पर पीड़ित के पूरे परिवार को ख़त्म कर देने की धमकी मिल रही थी!

उपरोक्त धमकियों से पीड़ित परिवार काफी डर गया था और बहुत मुश्किल से हिम्मत जुटाकर न्याय पाने के लिए आरोपियों के खिलाफ थाने पर लिखित तहरीर दी! लेकिन लखनऊ के थाना गुड्म्मा की पुलिस पीड़िता की शिकायत पर कार्यवाही करने के बजाय पैसे वाले दबंग आरोपियों को बचाने के लिए थाने में पीड़ित पक्ष के ऊपर सुलह करने का दबाव बनाते रहें

थाना प्रभारी, दरोगा नदीम खान सहित चार पांच पुलिसकर्मी पीड़ित और उसकी बच्ची को झूठी शिकायत करने की बात कहते हुए गाली और धमकी देते रहें!

पीड़ित के बार बार दोहराई गई याचनाओं का कोई प्रभाव पुलिस महकमे पर नहीं पड़ा और उल्टे ही पीड़ित पर थाना प्रभारी भड़क गए और अपने सहयोगी नादिम खान के साथ पीड़ित को पकड़कर दूसरे कमरे में ले गए और वहां पर पीड़ित को जमींन पर गिरा कर लात घूसों से बुरी तरह मारने पीटने लगे और गन्दी गन्दी गाली देते हुए बोले की साले सुलह कर लो नहीं तो तुम्हे ही फर्जी मुकदमें में बंद कर देंगें !

थाना प्रभारी शुक्ला,दरोगा नदीम खान सहित अन्य चार पांच पुलिस कर्मियों ने पीड़िता और उसके परिवार को डरा धमकाकर दिनांक 19.01.2019 की रात 11 बजे पैसे का विवाद दिखाते हुए ओरोपियों के परिचितों को गवाह बनाकर सुलह समझौता करा दिया!

एचआरएमएफ के लीगल पैनलिस्ट हेड एड. वीरेंद्र कुमार त्रिपाठी ने कहा की एचआरएमएफ द्वारा उठाये गए सवाल वास्‍तविकता पर गंभीरता से रोशनी डालती है। उन्होंने महिलाओं और बच्चों के साथ लगातार बढ़ रहीं यौन हिंसा की घटनाओं पर चिंता जाहिर करते हुए इसे राजकीय एवं प्रशाषकीय साजिश बताया। इस बात पर दुख व्‍यक्‍त किया कि वर्तमान परिदृश्य में अधिकतर मामले दर्ज ही नहीं किये जाते या तो दर्ज होने के बाडी बहुत लचर कार्यवाही किया जाता है जिससे अपराधी छूट जायें! उन्होंने पॉक्‍सो के तहत मुकदमों के त्‍वरित निस्तारण के लिए से अलग से फास्ट ट्रैक कोर्ट की भी मांग उठाई।

प्रेसवार्ता में दो अन्‍य घटनाओं का जिक्र करते हुए वादा फाउंडेशन की उपाध्यक्ष माधुरी चौहान ने कहा की आज उत्तर प्रदेश में महिला और बच्चे सबसे ज्यादा असुरक्षित हैं! आज पूरे देश में हर पल दो बेटियां रेप की शिकार हो रही हैं और इसमें से कई को मार दिया जाता है और हजारों मामलों की रिपोर्टिंग नहीं हो पाती है। उन्होंने इस घटना पर दुख जताते हुए कहा की आधुनिक भारत बनाने का सपना तब तक पूरा नहीं होगा जब तक महिलाए और बच्‍चे असुरक्षित हैं।

प्रेसवार्ता में को संबोधित करते हुये सामाजिक संस्था विडियो वॉलंटियर के अंशुमान सिंह ने कहा कि जब सत्य मेव जयते का बोर्ड लगाने वाली उत्तर प्रदेश पुलिस ही सत्य का गला घोटने पर आमादा हो जायेगी तो फिर पीड़ित जनता कहा जायेगी ! उन्होने ने पुलिस कि कार्यशैली पर सवाल उठाते हुये कहा कि जब देश की बेहतरीन थानो में शुमार लखनऊ के थाना गुड़म्बा थाने का ये हाल है तो आखिर बाकी प्रदेश के थानो का क्या हाल होगा ?

प्रेसवार्ता के माध्यम से फोरम सचिव अमित ने कहा की यौनिक हिंसा की घटना और पुलिस थाने में पीड़ित को यातना, धमकी देने वाले आरोपियों के खिलाफ कठोर कार्यवाही और पीड़ित परिवार की सुरक्षा की मांग करते हुए राष्ट्रीय बाल आयोग, होम सेक्रेटरी उ.प्र., डीजीपी उ.प्र. को पत्र भेजा गया!