लखनऊ: लखनऊ में हृदय रोग व डायबिटीज जैसी जानलेवा बीमारियां लगातार बढ़ती जा रही है । एक सर्वे के मुताबिक लखनऊ में 18% लोगों को कार्डियोवैस्कुलर का खतरा है वही लगभग 10% लोग मधुमेह की चपेट में है। माधवबाग संस्था इन जटिल बीमारियों से बचाने के लिए भारतीय पुरातन आयुर्वेद पद्धति से लोगों का इलाज कर जनजागृति फैलाने का काम कर रहा है । लखनऊ में भी माधवबाग अपने 11 केंद्रों से आयुर्वेद के जरिए जटिल बीमारियों के इलाज की शुरुआत कर रहा है ।

उपरोक्त जानकारी देते हुए माधवबाग संस्थान के प्रमुख डॉ रोहित साने और सीओओ श्री श्रीपद उपासनी ने बताया कि माधवबाग विश्व का पहला आयुर्वेदिक कार्डियक केयर केंद्र है जो ह्रदय रोग के लिए बगैर शल्य चिकित्सा उपचार पद्धति से लगभग 500000 लोगों को नया जीवन दे चुका है । आयुर्वेद पद्धति द्वारा संपूर्ण ह्रदय शुद्धिकरण का आविष्कार भी माधवबाग ने किया है। हृदय रोगों के इलाज आयुर्वेद से करने पर आधारित माधवबाग संस्थान के चिकित्सकों के शोध पत्र इंडियन हार्ट जनरल , ब्रिटिश मेडिकल जनरल और यूरोप मेडिकल जनरल मे भी प्रकाशित हो चुके हैं । दुनिया भर के चिकित्सकों ने इस पद्धति को ह्रदय रोगों से बचाने के लिए कारगर पद्धति माना है। वर्तमान समय में अनियंत्रित जीवन शैली से ह्रदय रोगियों की तादाद तेजी से बढ़ती जा रही है । इन बीमारियों में अनावश्यक रूप से करोड़ों रुपए खर्च हो रहे हैं इसके साथ ही लोगों की कार्य क्षमता और उत्पादन क्षमता की कमी होती है जिसका आकलन नहीं किया जा सकता ।

माधवबाग संस्थान ने सन 2025 तक ह्रदय रोग तथा उसके रिस्क फैक्टर के कारण होने वाली मृत्यु तथा अस्पताल में भर्ती होने की दर कम करना लक्ष्य रखा है । लखनऊ में भी बड़ी संख्या में लोग ह्रदय की बीमारियों से पीड़ित हैं । 30 से 74 वर्ष आयु वर्ग के लोगों में 18% को ह्रदयरोगों का खतरा है वहीं इस आयु वर्ग में लगभग 10% लोगों को मधुमेह का खतरा है। उत्तर प्रदेश में ह्रदय रोगों का सबसे बड़ा कारण धूम्रपान है । इस बीमारी से लोगों को मुक्ति दिलाने के लिए माधवबाग लखनऊ में 11 केंद्र खोलने जा रहा है । ये केंद्र हजरतगंज , पत्रकारपुरम गोमती नगर , विकल्प खंड गोमती नगर गोमती नगर नगर , इंदिरा नगर, अलीगंज , जानकीपुरम चौक , राजाजीपुरम , हुसैनगंज आलमबाग , तेलीबाग में खोले जा रहे हैं । इन केंद्रों में माधवबाग के चिकित्सक पुरातन आयुर्वेद पद्धतियों से हृदय का शुद्धिकरण और बीमारियों को दूर करने का काम करते हैं । संस्थान द्वारा समय-समय पर व्याख्यान , शिविर ,विशेषज्ञ मार्गदर्शन , आदि के उपक्रम भी चलाए जाएंगे।