चुनाव हारने वाले दल EVM को फुटबॉल बनाना छोड़ें: CEC
पटना: मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) सुनील अरोड़ा ने कहा कि चुनाव हारने वाले दल इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) के साथ 'फुटबॉल' जैसा व्यवहार कर रहे हैं।अरोड़ा ने कहा कि जहां तक ईवीएम से छेड़छाड़ का सवाल है तो वोटिंग मशीनों में छेड़छाड़ संभव नहीं है। बिहार के दो दिवसीय दौरे के संपन्न होने पर संवाददाताओं से बात करते हुए अरोड़ा ने कहा कि ईवीएम में कभी कभार तकनीकी समस्या आ सकती है जिन्हें तुरंत ठीक कर लिया जाता है।
उन्होंने कहा, 'ईवीएम में छेड़छाड़ करना संभव नहीं है। जहां तक साजिश और छेड़छाड़ की चिंता का सवाल है तो यह निश्चित रूप से छेड़छाड़ से परे है। लेकिन अन्य उपकरण की तरह इसमें तकनीकी खामी आ सकती है।'
इससे पहले मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) सुनील अरोड़ा ने विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए जाने पर दुख व्यक्त करते हुए कहा था कि मतदान की यह सर्वाधिक विश्वसनीय पद्धति है, क्योंकि मशीन गलत रखरखाव की शिकार तो हो सकती है लेकिन इसमें छेड़छाड़ मुमकिन ही नहीं है।
किसी दल विशेष के पक्ष में चुनाव परिणाम नहीं आने पर इसका ठीकरा ईवीएम पर फोड़ने की प्रवृत्ति के बारे में अरोड़ा ने दलील दी थी कि 2014 के लोकसभा चुनाव का परिणाम, इसके बाद हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव के परिणाम एक दूसरे से बिल्कुल विपरीत थे। इसके बाद भी हिमाचल प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, त्रिपुरा और अब पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव तथा तमाम उपचुनाव के परिणाम बिल्कुल भिन्न रहे।
अरोड़ा ने राजनीतिक दलों द्वारा चुनाव परिणाम की व्याख्या अपनी सुविधानुसार करने का जिक्र करते हुए कहा था, 'ईवीएम महज एक मशीन है, जो आंकड़े दर्ज कर उनकी गिनती करती है। मशीन में खास प्रोग्रामिंग कर विशेष परिणाम हासिल करने की संभावना को मैं पूरी तरह से नकार सकता हूं।'








