लखनऊ। बच्चों की व्यवसायिक यौन शोषण से जुड़े अपराधों को रोकने के लिये पुलिस के लिये मानक संचालन पद्धति (एसओपी) की शुरूआत की है। इसकी शुरूआत आज यहां मेरठ फोकस्ड टॉस्क यूनिट (एफटीयू) के तहत बच्चों के यौन शोषण में लिप्त लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज काररवाई करने के लिये मेरठ जोन पुलिस का नेतृत्व करने वाले प्रशांत कुमार, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक ( एडीजी ) ने पूर्व आईपीएस अधिकारी और टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (टीआईएसएस ) निवर्तमान प्रोफेसर डॉ पीएम नायर के साथ की गयी है। विदित हो कि लोकसभा सांसद राजेन्द्र अग्रवाल द्वारा बच्चों के व्यावसायिक यौन शोषण (सीएसई ) से जुड़े अपराधों को रोकने और इसमें लिप्त लोगों के खिलाफ कानूनी काररवाई के लिये मेरठ फोकस्ड टास्क यूनिट (एफटीयू) की गयी है। ये मानक संचालन पद्धतियां कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लिए तैयार किया गया अपनी तरह का पहला प्रकाशन हैए जो पुलिस को उन अपराधियों के खिलाफ आईपीसी के अलावा पॉक्सो के तहत बाल यौन तस्करी के मामलों को दर्ज करने का अधिकार देता हैए जो व्यावसायिक यौन शोषण के लिए बच्चों और नाबालिगों की मांग करते हैं। इस हैंडबुक के मुताबिक चूंकि बच्चे को अनिवार्य रूप से बाल कल्यावण समिति (सीडब्ल्यूसी) के समक्ष पेश किया जाएगाए ऐसे में पुलिस के लिए यह जरूरी है कि वह बचाए गए व्यकक्ति की उम का प्रारंभिक आकलन करेए जिससे उचित सलाहकारों की मदद से पीड़ित व्यतक्ति अपराध में शामिल ग्राहकों का पता लगाने में मदद मिल सके। मेरठ जोन के अतिरिक्त महानिदेशक ने कहा श्मानक परिचालन पद्धतियों के विकास के पीछे मुख्य उद्देश्य पीड़ित या अपराध के गवाह बच्चों को प्रभावी और बच्चों के अनुकूल ढंग से संभालने की दिशा में मार्गदर्शन प्रदान करना है। इसके साथ ही इसका उदेश्य प्रमुख प्रशासनिक और गैर.सरकारी एजेंसियों के साथ सहयोग के लिए एक रूपरेखा को बढ़ावा देना है जो बच्चों की सुरक्षा के लिए पुलिस के प्रयासों में मदद करते हैं और सीएसई के अपराधियों के खिलाफ मुकदमा चलाते हैं। मेरठ ज़ोन पुलिस यह सुनिश्चित करेगी कि हम नाबालिग से दुर्व्य वहार करने वाले हर अपराधी के खिलाफ पॉक्सो के तहत मुकदमा दायर करें। पैसे देकर बच्चों से सेक्स करने वाले पुरुषों को गिरफ्तार नहीं किया जाता है क्योंकि ध्यान हमेशा तस्करों पर केंद्रित रहता है। जबकि वास्तव में यह एक बच्चे के बलात्कार की मांग है जो पूरी हो गई है। ग्राहकों पर अधिक ध्यान केंद्रित करने के लिएए मजबूत खुफिया तंत्र पर पुलिस के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम और ग्राहकों के खिलाफ प्रभावी अभियोजन के साथ ही प्रशिक्षण से प्राप्त परिणामों को लिपिबद्ध करना बेहद महत्वपूर्ण है।