लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ जी ने एक बार पुनः प्रदेश के युवा बेरोज़गारों के जले पर नमक छिड़कने का कार्य किया है। उनका यह कहना कि सरकार के मार्च माह में दो साल पूरा होने पर प्रदेश में दो लाख करोड़ रूपये का निवेश होगा जिससे दो लाख युवाओं को प्रत्यक्ष एवं 10 लाख युवाओं को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा, महज एक जुमला है।

देश कांग्रेस के प्रवक्ता ओंकारनाथ सिंह ने आज जारी बयान में कहा कि अभी तक यह भी स्पष्ट नहीं है कि दो लाख करोड़ का निवेश प्रदेश के किस हिस्से में हो रहा है? उस पर कार्य प्रारम्भ भी हुआ है कि नहीं? उसकी स्थिति क्या है? इन सब बातों से इतर मुख्यमंत्री प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से बारह लाख युवाओं को रोजगार देने की गारंटी दे रहे हैं। यह गारंटी उसी प्रकार की है जैसा इन्होने मुख्यमंत्री का पद भार संभालते ही दो माह में ही प्रदेश की सभी सड़कों को गड्ढा मुक्त करने की घोषणा की थी। साथ ही यह भी कहा था कि प्रदेश को अपराधी छोड़ देंगे या जेल की सीखचों में होंगे, परन्तु उनकी यह दोनों घोषणाएं मिथ्या साबित हुई हैं न प्रदेश की सड़कें गड्ढा मुक्त हुईं और न ही प्रदेश अपराध और अपराधी मुक्त हुआ। ऐसे में मुख्यमंत्री जी की यह घोषणा सिवाय जुमले के और कुछ भी नहीं है।

श्री सिंह ने कहा कि लोकसभा चुनाव नजदीक आ रहा है। प्रदेश की सड़कें और कानून व्यवस्था पूरी तरह खस्ताहाल है। किसान छुट्टा पशुओं से परेशान है। युवा बेरोजगारी से परेशान हैं। व्यापारी जीएसटी से त्रस्त है। नोटबन्दी के चलते श्रमिक वर्ग रोजगार के लिए दर-दर भटक रहा है। हर वर्ग में निराशा व्याप्त है। युवाओं में सर्वाधिक रोष व्याप्त है। भारतीय जनता पार्टी के लगातार खोते जा रहे जनाधार को बचाने और अपनी विफलताओं को छुपाने के लिए मुख्यमंत्री जी हर हथकण्डा अपना रहे हैं। किन्तु प्रदेश की जनता अब सब समझ चुकी है इसलिए मुख्यमंत्री जी की यह घोषणा प्रदेश के युवाओं को सब्जबाग दिखाने का असफल प्रयास है।