भाजपा-कांग्रेस पर किये जमकर प्रहार, किसानों के दुखों को किया याद

तौक़ीर सिद्दीक़ी

लखनऊ: जन्मदिन के मौके पर मायावती ने प्रेस कान्फ्रेंस की। उन्होंने कहा कि हर वर्ष बीएसपी के लोग मेरे जन्मदिन को पार्टी स्तर पर मनाते हैं। वो लोग जो मेरा जन्मदिन मना रहे हैं मैं उनका आभार करती हूं। मेरा जन्मदिन लोकसभा चुनाव 2019 के मौके पर है।

इसलिए मैं सपा-बसपा और अन्य पार्टियों के लोगों को कहती हूं कि वो अपने गिले-शिकवे भुला कर और अपने निजी स्वार्थों को किनारे करके गठबंधन का समर्थन करें। यही मेरे लिए असली तोहफा होगा। आजादी के बाद कांग्रेस ने ज्यादातर राज किया है। लेकिन उनकी कार्यप्रणाली हमेशा गलत रही। इसी लिए बसपा की स्थापना हुई।

मायावती ने कहा कि बीजेपी ने सिर्फ जुमलेबाजी की है। इस लिए उसके हाथ से छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में निकल गया। लेकिन कांग्रेस भी कोई दूध की धुली नहीं है। तीन राज्यों में कांग्रेस की सरकार आने के बाद किसानों का कर्जमाफी सही से नहीं हुआ है।

अपने जन्मदिवस के मौके पर मायावती ने कहा, 'हमने हमेशा गरीबों एवं वंचितों के लिए काम किया है। सरकार को चाहिए कि वह किसानों का 100 प्रतिशत ऋण माफ करे नहीं तो उनकी आत्महत्याओं का दौर जारी रहेगा। सरकार को किसानों की कर्जमाफी पर एक प्रभावी नीति बनानी चाहिए।'

क्योंकि ज्यादातर किसानों ने साहूकारों और धन्ना सेठों से कर्ज ले रखा है। इस लिए कुछ ऐसे उपाय निकालने चाहिए जिससे किसान हमेशा कर्ज में न डूबा रहे। नोटबंदी के बाद तो स्थिति और भी खराब है। भाजपा लगातार वादा खिलाफी कर रही है। यही लोकसभा चुनाव 2019 में असली मुद्दा है। लोकसभा चुनाव के नजदीक आते ही भाजपा पूरी तरह से डर गई है।

इस लिए वह तमाम तरह के हथकंडे अपना रही है। अखिलेश यादव के खिलाफ लगातार सीबीआई का दुरुपयोग किया जा रहा है। आरएसएस की सोच पर भाजपा चल रही है। इस लिए वह जुमे की नमाज पर भी सरकारी मशीनरी का इस्तेमाल कर रही है। मायावती ने कहा कि भाजपा-सपा गठबंधन के कारण विरोधियों की नींद उड़ गई है।

बता दें कि मायावती और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने लोकसभा चुनावों के लिए रविवार को लखनऊ में सपा-बसपा गठबंधन की औपाचारिक रूप से घोषणा की। दोनों पार्टियों राज्य में 38-38 सीटों पर चुनाव लड़ेंगी। गठबंधन ने फैसला किया कि वह अमेठी और रायबरेली दोनों सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़ा नहीं करेगा। जबकि दो सीटें अपने सहयोगियों के लिए छोड़ी गई हैं। सपा-बसपा की इस घोषणा के बाद कांग्रेस ने राज्य की 80 सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है।

किसानों की ऋण माफी पर बसपा सुप्रीमो के इस बयान को राजनीति में किसान वोट बैंक की बढ़ती अहमियत से जोड़कर देखा जा सकता है। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने किसानों की ऋणमाफी का दांव खेला था जो सही साबित हुआ। इन चुनावोंं में किसानों ने कांग्रेस पार्टी के पक्ष में मतदान किया और उसे सत्ता के सिंहासन तक पहुंचाया।

अपने जन्मदिन के मौके पर मायवती ने अपनी किताब का विमोचन भी किया।