तौसीफ़ क़ुरैशी

राज्य मुख्यालय लखनऊ।गठबंधन में कांग्रेस को शामिल न करना बसपा-सपा को नुक़सान देगा या फ़ायदा यह तो चुनाव शुरू होने पर चुनाव की फ़िज़ा देखने से अंदाज़ा लगाया जा सकेगा और पूरी जानकारी चुनाव परिणाम आने के बाद पता चलेगी लेकिन जैसे ही यह बात फ़ाइनल हुई कि बसपा-सपा के इस गठबंधन में कांग्रेस को शामिल नही किया जाएगा तो कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व से लेकर यूपी के नेताओं का एक सुर में बोलना कि हमें गठबंधन में न शामिल कर बसपा-सपा ने अंडरएस्टीमेट किया है और हम पूरी ताक़त से चुनाव लड़ यह साबित भी करेगे कि हम कमज़ोर नही है जैसा बसपा-सपा ने सोचा है।कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और यूपी के प्रभारी ग़ुलाम नबी आज़ाद से लेकर प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर सियासी हल्को में चर्चा का विषय बने कांग्रेस के आने वाले प्रदेश अध्यक्ष जितिन प्रसाद, डाक्टर संजय सिंह ,छत्तीसगढ़ जीताकर आए पी एल पुनिया , प्रमोद तिवारी , बसपा से कांग्रेस में आए नसीमुद्दीन सिद्दीक़ी , आदि नेताओं की एक जुटता से लग रहा है कि शायद कांग्रेस कुछ कर जाए। ख़ैर यह तो भविष्य का सवाल है क्या होगा और क्या नही है ? यही सवाल है जिनपर हमारे से ख़ास बातचीत करते हुए उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमैटी के पूर्व प्रवक्ता एवं वरिष्ठ नेता मारूफ खान का कहना है कि यूपी में कांग्रेस मज़बूती से डटकर चुनाव में जा रही है हामारे साथ ग्रामीणों के साथ-साथ स्वर्ण मतदाता , किसान , छोटे व्यापारी दलित और मुसलमान बहुत भारी तादाद में कांग्रेस के साथ आने जा रहा है यह बात चुनाव में साफ हो जाएगी और जो सियासी पार्टियाँ कांग्रेस को कमज़ोर मान रही है वह देखते रह जाएँगे क्योंकि परिणाम चौंकाने वाले आएँगे।हम राहुल गांधी की कयादत में यूपी सहित देश में साम्प्रदायिक ताक़तों से लड़ रहे है यह पूरा देश की जनता जानती है लेकिन यूपी में बसपा और सपा ने यही देखते हुए अलग चलो की नीति पर चलने की राह पकड़ी है जिसको यूपी की जनता नकार देगी।हमने उनसे पूछा कि कांग्रेस क्या किसी ऐसे व्यक्ति पर विश्वास करेगी जिसकी वजह से पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को यूपी सहित कई प्रदेशों में नुक़सान हुआ था और उसके बाद गुजरात के विधानसभा चुनाव में खुद मोदी ने उसके विवादित बयान का इस्तेमाल किया था इसपर उनका कहना था कि यह सब पार्टी नेतृत्व तय करता है जहाँ तक मेरी अपनी राय है पार्टी ऐसे किसी नाम पर विचार नही करेगा जिससे पार्टी को नुक़सान हो।कांग्रेस लगातार मज़बूत हो रही है गुजरात विधानसभा चुनाव में राहुल गांधी ने नरेन्द्र मोदी को गुजरात की गलियों में घूमने के लिए मजबूर कर दिया था उसके बाद भी हम बढ़िया चुनाव लड़े और नरेन्द्र मोदी सहित पूरी मोदी की भाजपा को हिलाकर रख दिया था उसके बाद कर्नाटका के विधानसभा चुनाव में राहुल गांधी ने नरेन्द्र मोदी को सियासी मात दी और अब पाँच राज्यों के चुनावों में राहुल गांधी का ही मज़बूत नेतृत्व था जहाँ कांग्रेस ने अपने बल पर तीन हिन्दी भाषी राज्यों से मोदी की भाजपा का सफ़ाया किया वहाँ भी सपा व बसपा ने हमारी जीत में टाँग अड़ाने की कोशिश कर पिछले दरवाज़े से मोदी की मदद करने का कुचक्र रचा इसके बाद हम जीतने में कामयाब रहे।जहाँ तक यूपी की बात है हम यहाँ भी मोदी की भाजपा को कड़ी चुनौती देंगे यह सब देखेंगे आज देश का किसान , बेरोज़गार युवा , बिना सोचे समझे नोटबंदी व जीएसटी लागू करने से परेशान और बेलगाम महँगाई से त्रस्त जनता कांग्रेस की तरफ़ उम्मीद भरी नज़रों से देख रही है क्योंकि हमारी तीन राज्यों की सरकारों ने वहाँ की जनता को राहत देने के लिए जिसे भाजपा ने अपने सालों के कार्यकाल में नही किया हमारी सरकारों ने किसानो की क़र्ज़ माफ़ी के काम को घंटों में कर दिया है हमारे नेता राहुल गांधी ने सरकार बनने के दस दिनों के अंदर क़र्ज़ मांफ करने का वादा किया था लेकिन हमारे नेता ने वहाँ जो मुख्यमंत्री बनाए उन्होंने अपने नेता के वादे को दस दिन में नही सरकार बनने के तुरन्त बाद सबसे पहला काम वही किया और जो भाजपा यह कहती थी कि कांग्रेस अपने वायदों को पूरा कैसे करेगी वायदा पूरा होने पर उसकी बोलती बंद हो गई उसी वजह से हम यूपी में भी अच्छा प्रदर्शन करने में कामयाब होगे इसी लिए हम कह रहे है कि जितनी सीटें बसपा सपा अलग-अलग जीतेंगे हम उनसे ज़्यादा सीटें जीतेंगे।ये सब बात देखने के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मारूफ खान की बात में दम तो लगता है कि राहुल गांधी ने कहा था कि अगर मुख्यमंत्री काम नही करेगा तो मुख्यमंत्री साफ कर दिया जाएगा मतलब हटा दिया जाएगा ज़ाहिर सी बात है कि ऊपर कैप्टन अगर सही हो तो सेना काम सही करती है पर अगर कोई कैप्टन ही न हो तो फिर किसका डर जैसे बसपा और सपा इनके यहाँ तो सबकुछ यही है कोई पूछने वाला ही नही जो ये कर दे वही सही होता अब वह ग़लत हो या सही जनता किससे कहे जाकर कोई सुनने वाला नही होता।