नई दिल्ली: ओडिशा में मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा अभी से विवादों में घिर गई है। बालंगीर कस्बे में उनकी यात्रा को देखते हुए 1000 पेड़ काट डाले गए हैं। बताया जा रहा है कि पीएम की सुरक्षा और उनके हेलिकॉप्टर को उतारने के लिए पेड़ों को काटना पड़ा है। द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हेलिकॉप्टर को उतारने के लिए बालंगीर में अस्थाई हेलिपैड के निर्माण के लिए पेड़ों की कटाई की गई है। इसके घटना के बाद पर्यावरणविदों की त्यौरियां चढ़ी हुई हैं। जानकारी के मुताबिक साल 2016 में शहरी पौधा-रोपड़ प्रोग्राम के तहत रेलवे की अधिकार क्षेत्र वाली 2.25 हेक्टेअर जमीन पर काफी पौधे लगाए गए थे। पीएम मोदी की यात्रा को देखते हुए अथॉरिटी ने खाली जमीन यहां देखते हुए हेलिपैड के अस्थायी निर्माण की इजाजत दे दी।

गौर करने वाली बात यह है कि हेलिपैड निर्माण के लिए अथॉरिटी से जमीन तो मिल गई। लेकिन, पेड़ों को काटने की अनुमति वन विभाग से नहीं ली गई। द हिंदू के मुताबिक वन विभाग ने माना है कि शुरुआती जांच में पेड़ों के कटान की बात पूरी तरह सच है और इसके लिए विभाग से परमिशन नहीं ली गई थी। इस संबंध में वन विभाग ने रेल विभाग से भी पूछताछ की लेकिन उन्होंने सिर्फ यह कहा कि हेलिपैड के निर्माण और सुरक्षा को देखते हुए तत्काल रूप से पेड़ों को काटना पड़ा। बताया जा रहा है कि काटे गए पेड़ों की लंबाई 7 फुट और उनके कायम रहने का औसत 90 फीसदी था। वन विभाग ने 1000 से लेकर 1200 के बीच पेड़ों की कटाई की बात स्वीकर की है। पर्यावरणविदों का कहना है कि पड़ों को काटने से पहले संबंधित विभाग से पहले अनुमति लेनी चाहिए थी।

इस दौरान जिले के एसपी ने बताया कि सुरक्षा को देखते हुए पेड़ों को काटना जरूरी था। क्योंकि, वहां पर हेलिकॉप्टर उतारने के लिए खाली जगह बिल्कुल नहीं था। गौरतलब है कि तय कार्यक्रम के मुताबिक मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुर्दा-बालगीर रेलवे लाइन पर ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना करने वाले हैं। इस दौरान वह बालंगीर में एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे।