लखनऊ: भाजपा नेता नरेश अग्रवाल के बेटे की ओर से मंदिर के एक समारोह में खाने के पैकेट्स में शराब की बोतलें रखकर बांटने का मामला सामने आया है. इस दौरान नरेश अग्रवाल खुद समारोह में मौजूद थे. मामला यूपी के हरदोई का है, जहां एक मंदिर के समारोह में ये भाजपा नेता पहुंचे थे. हरदोई में राज्यसभा सांसद नरेश अग्रवाल ने श्रवण देवी मंदिर में समारोह आयोजित किया था. इस समारोह में उनके बेटे नितिन ने खाने के पैकेट्स में शराब की बोलतें रखकर वहां पहुंचे लोगों में बांटी. मामला का खुलासा तब हुआ, जब इन पैकेट्स की तस्वीरें मीडिया में आ गईं.

एक न्यूज एजेंसी द्वारा जारी की गईं तस्वीरों में साफ देखा जा सकता है कि पूरी-सब्जी के साथ पैकेट्स में शराब की बोतल रखी है. इस मामले पर हरदोई से भाजपा सांसद अंशुल वर्मा ने कहा, 'मैं इसके बारे में पार्टी के उच्च नेतृत्व को जानकारी दूंगा. गलती सुधारने के लिए भाजपा को दोबारा से सोचना पड़ेगा.'

सांसद अंशुल वर्मा ने इस मामले पर सीएम योगी को खत लिखा है. उन्होंने इस मामले पर कार्रवाई करने की मांग की है. उन्होंने खत में लिखा है, 'हमारी पार्टी जिस संस्कृति की दुहाई देती है, हमारे नवागंतुक सदस्य अग्रवाल उसे भूल गए हैं.'

साथ ही सांसद ने खत में लिखा है, 'आज जब हमारी सरकार धर्म में आस्था दिखा रही है और देश के अंतिम व्यक्ति को मुख्य धारा में लाने के लिए प्रयास कर रही है. ऐसे समय में नरेश जी द्वारा हमारे पासी समाज का मजाक बनाकर जनपद की प्रख्यात शक्तिपीठ में शराब बांटने जैसा काम निंदनीय है. अगर पार्टी विरोधी ऐसी गतिविधियों को पार्टी गंभीरता से नहीं लेती है तो हमारे समाज के हितों के लिए हमें सड़क पर उतरना पड़ेगा और उनके सम्मान के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा.'

बता दें, भाजपा नेता नरेश अग्रवाल मौका देखकर पाला बदलने के लिए जाने जाते हैं. उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले के रहने वाले नरेश अग्रवाल सात बार विधायक चुने जा चुके हैं. उनके बेटे भी अखिलेश सरकार में मंत्री रह चुके हैं. 38 साल के राजनीतिक सफर में नरेश अग्रवाल चार बार पार्टियां बदल चुके हैं और एक बार अपना दल भी बनाया था. 1980 में वह पहली बार हरदोई से कांग्रेस के टिकट से विधायक चुने गए थे.

1997 में कांग्रेस के विधायकों की नई पार्टी बनाई और कल्याण सिंह को विश्वास मत हासिल करने में मदद की. वह कल्याण सिंह, राम प्रकाश गुप्ता और राजनाथ सिंह के शासनकाल में ऊर्जा मंत्री रहे. साल 2002 में हवा का रुख भांपते हुए वह सपा में चले गए और विधायक का चुनाव जीता और मुलायम सिंह की सरकार में परिवहन मंत्री बन गए.

साल 2007 के विधानसभा चुनाव में वह समाजवादी पार्टी के टिकट पर हरदोई से विधायक चुने गए. लेकिन सरकार बन गई बहुजन समाज पार्टी की. लेकिन अग्रवाल ज्यादा दिन तक सत्ता से दूर नहीं रह पाए और बसपा में शामिल हो गए. लेकिन फिर 2012 के विधानसभा चुनाव में सपा का पलड़ा भारी देखा और उन्होंने बसपा छोड़ दिया. इस बार उनके बेटा नितिन अग्रवाल भी सपा में शामिल हो गया. इस बार अग्रवाल को खूब फायदा मिला. बेटे को अखिलेश सरकार में मंत्री पद मिला तो उनको पार्टी ने राज्यसभा भेज दिया. इतना ही नहीं उनको सपा का राष्ट्रीय महासचिव बना दिया गया