मुंबई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शनिवार को कहा कि भले ही सभी समुदायों को आरक्षण दे दिया जाए, लेकिन सरकार 90 प्रतिशत बेरोजगार युवाओं को नौकरी नहीं दे सकती है। उन्होंने कहा, 'भले ही आरक्षण सभी समुदायों को दिया जाए, लेकिन सरकार 90 प्रतिशत युवाओं को नौकरी नहीं दे सकती है। प्राइवेट सेक्टर का विस्तार हो रहा है और केवल यहीं पर अधिकतम अवसर उपलब्ध है।'

फडणवीस ने कहा, 'सरकार हर साल 25 हजार नौकरियां दे सकती है और यह उन लोगों की संख्या के बराबर है जो एक ही तहसील में नौकरी के लिए तरस रहे हैं। आरक्षण समस्या का समाधान नहीं है।' उन्होंने कहा कि जब लोगों को विभिन्न क्षेत्रों में अवसर मिलेगा तो धीरे-धीरे आरक्षण का महत्व खत्म हो जाएगा।

उन्होंने कहा, 'आरक्षण पाने वालों का कहना है कि ये उनका अधिकार है। यह अस्थायी संतुष्टि दे सकता है लेकिन सही समाधान खोजने के लिए हमें अवसरों का उपयोग करना चाहिए और समाज के लिए काम करना चाहिए। जब लोगों को विभिन्न क्षेत्रों में अवसर मिलेगा तब आरक्षण का महत्व धीरे-धीरे मिट जाएगा। फिर केवल जो पात्र होगा उसे ही वास्तव में आरक्षण मिलेगा।'

30 नवंबर को महाराष्ट्र के राज्यपाल सी विद्यासागर राव ने मराठा आरक्षण विधेयक पर हस्ताक्षर किए, जिसमें शैक्षिक और सामाजिक रूप से पिछड़े वर्ग के तहत मराठाओं के लिए 16 प्रतिशत आरक्षण का प्रस्ताव था। 18 नवंबर को महाराष्ट्र सरकार के कैबिनेट ने उस विधेयक को मंजूरी दी थी जिसके लिए समुदाय 2017 से विरोध कर रहा था।