अश्वगंधा वैसे तो हर किसी के लिए फायदेमंद हैं लेकिन, फीमेल्स के लिए ये बेस्ट हर्ब है। फीमेल्स की बॉडी में कई हॉर्मोनल बदलाव होते हैं जिसकी वजह से उन्हें हर उम्र में अलग-अलग हेल्थ प्रॉब्लम बनी रहती है। फीमेल्स की कई बीमारियों में इसका असर किसी भी दवा से ज्यादा होता है।

अश्वगंधा में पाए जाने वाले पोषक तत्व बॉडी के बैक्टीरिया, वायरस और कीटाणुओं से लड़ने में बहुत कारगर होते हैं। अश्वगंधा में एंटीऑक्सीडेंट, लीवर टॉनिक, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-बैक्टीरियल के साथ-साथ और भी कई और गुण होते हैं जो बॉडी को हेल्दी रखने का काम करते हैं।

अश्वगंधा एंटी-स्ट्रेस की तरह से भी काम करता है। वेट लॉस से लेकर इंफेक्शन तक की बीमारी में ये काम आता है। इसके अलावा इसमें एंटी-स्ट्रेस तत्व भी होते हैं, जो स्ट्रेस फ्री रहने में मदद करते हैं।

अश्वगंधा में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-माइक्रोबियल गुण होते है। ये वेजाइना में होने वाले इंफेक्शन को कम करता है और साथ ही वेजाइना के सूजन और खुजली से भी राहत दिलाता है। इसके अलावा अश्वगंधा वेजाइना से आने वाली दुर्गंध को भी कम करने में मदद करता है।

अश्वगंधा एंटीऑक्सीडेंट से भरा होता है। ये थायरॉइड ग्रंथि को सक्रिय बनाने का काम करता है। थायरॉइड की समस्या फीमेल्स में सबसे ज्यादा होती हैं। इसलिए अगर वे रोज सेवन करने लगें तो उनका वेट भी कम होने लगता है।

अश्वगंधा महिलाओं में हॉर्मोंन्स के सिक्रिशन को रेगुलेट करता है। अश्वगंधा एंडोक्राइन सिस्टम (ग्लैंड जो हॉर्मोंन्स को सीधे ब्लड स्ट्रीम में पहुंचाता है) को उत्तेजित करता है। ये मेनोपॉज के दौरान होने वाली समस्या जैसे हॉट फ्लैश, मूड स्विंग्स और चिंता में भी बहुत उपयोगी है।

तनाव, हार्मोनल इम्बैलेंस, पोषक तत्वों की कमी या फिर किसी और हेल्थ प्रॉब्लम्स के वजह से महिलाओं में फर्टिलिटी की समस्या हो जाती है। अश्वगंधा में एंटीऑक्सीडेंट होता है जो हॉर्मोन को नियंत्रित करता है और फर्टिलिटी में सुधार लाता है।