लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी कैबिनेट ने मंगलवार को 5 अहम प्रस्तवों को मंजूरी दे दी है. इनमें सबसे अहम प्रस्ताव गौ सेवा से जुड़ा है. सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट ने प्रदेश की पंचायतों, नगर पालिका और नगर निगमों में स्थाई गोवंश आश्रय स्थल की स्थापना और संचालन नीति का निर्धारण करने को मंजूरी दे दी है. इसके तहत कई विभाग मिलकर इस योजना को अमल में लाएंगे.

इसके तहत मंडी परिषद की मंडी शुल्क सेस से प्राप्त होने वाली आय को 2 प्रतिशत बढ़ाया जाएगा. यही नही आबकारी से प्राप्त होने वाले राजस्व के अलावा सेस लगाकर ​वित्तीय व्यवस्था की जाएगी. पीडब्ल्यूडी, सेतु निगम, यूपीएसआईडीसी को होने वाला लाभ का .5 प्रतिशत इस पर खर्च किया जाएगा. यूपी सरकार के अधीन यूपीडा आदि संस्थाओं द्वारा चल रहे टोल टैक्स में .5 प्रतिशत अति​रिक्त धनराशि गौ कल्याण सेस के रूप में ली जाएगी. मिट्टी का कार्य मनरेगा से वित्त पोषण से होगा.

यूपी सरकार के प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि कैबिनेट की बैठक में आज 5 प्रस्तावों पर मुहर लगी है.

  1. पुलिस विभाग एवं अग्निशमन सेवा के अधिकारियों और कर्मचारियों को कर्तव्यपालन के दौरान घटित दुर्घटनाओं में मृत्यु होने अथवा अपंग होने की स्थिति में अनुग्रह आर्थिक सहायता प्रदान किए जाने के प्रस्ताव पर मुहर लगी है. 80 प्रतिशत विकलांग होने की स्थिति में 20 लाख रुपए, 70 फीसदी तक विकलांगता की स्थिति में 15 लाख रुपए और 50 से 60 फीसदी की विकलांगता पर 10 लाख रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान करने का प्रस्ताव पास हुआ है.

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  1. भ्रष्टाचार निवारण उन्मूलन के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश सतर्कता अधिष्ठान के सुदृढ़ीकरण एवं नवीनीकरण के लिए 10 सेक्टर के क्षेत्रों को थाना घोषित किए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है. जांचों की गोपनीयता बरकरार रखने के लिए मंजूरी दी गई है.

  2. प्रदेश के सभी ग्रामीण एवं शहरी स्थानीय निकायों तथा क्षेत्र पंचायत और ग्राम पंचायत, जिला पंचायत, नगर पंचायत, नगर पालिका, नगरनिगम में स्थाई गोवंश आश्रय स्थल की स्थापना एवं संचालन नीति का निर्धारण करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है. वित्तपोषण, मनरेगा, नगरविकास विभाग, मंडी परिषद, आबाकारी विभाग और निर्माणदायी संस्थाएं करेंगी.

  3. उत्तरप्रदेश इंस्टिट्यूट ऑफ डिजाइन लखनऊ में निदेशक या सचिव पद पर सीधी भर्ती के लिए जारी शासनादेश में संशोधन को मंजूरी मिल गई है.

  4. विशेषीकृत मोटर दुर्घटना प्रतिकर विवादों के जनपद स्तर पर त्वरित निस्तारण हेतु मोटर दुर्घटना प्रतिकर अधिकरण की स्थापना का प्रस्ताव पास हुआ है.