लखनऊ आॅल इण्डिया हुसैनी सुन्नी बोर्ड के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सैयद जुनैद अशरफ किछौछवी ने कहा कि आजाद हिन्दुस्तान के मुसलमानों की सबसे बड़ी परेशानी आर्थिक व शैक्षणिक तौर पर उसका पिछड़ापन है। अफसोस की बात यह है कि इस पिछड़ेपन का उसे अहसास तक नहीं है। हिन्दुस्तान में हर कौम के नेताओं की भरमार है। दलित, पिछड़ा, पंडित, बनिया, आदिवासी और न जाने की कितनी कौमे। नेता सबके है। मगर नेताविहीन अगर कोई जमात है तो वह है मुसलमान। देश की तमाम सियासी पार्टीयों ने इसे पिछलग्गू तो बनाया, मगर उसे कभी अपना साक्षेदार नहीं बनाया। हिन्दुस्तान की किसी पार्टी का कोई मुसलमान नेता इस कद और कुव्वत का नहीं जो सीना चैड़ा करके मुसलमानों का हक मांगने की जुर्रत रखता हो और न ही किसी सियासी जमात ने उसे उसकी आबादी के हिसाब से लोकसभा या राज्यसभा का टिकट दिया हो। इन सियासी जमाअतों ने अपने सियासी फायदे के लिए सिर्फ मुस्लिम कौम का इस्तेमाल किया और यह कौम बड़ी खुशी के साथ इस्तेमाल होती चली गयी। आज़ादी के 70 साल गुजर जाने के बाद वह आर्थिक तंगी व अशिक्षा का शिकार हो गया। कोई भी कौम जब शिक्षा से दूर हो जाती है तो उसके पिछड़ने से उसे कोई भी दुनिया की ताकत रोक नहीं सकती। यही हाल हुआ मुसलमानों का। मुसलमान आज भी अगर शिक्षा पर जोर दे तो वह आर्थिक व शैक्षिक रूप से मज़बूत होकर हिन्दुस्तान की अग्रिम पंक्ति में बैठ सकता है साथ वह किसी सियासी पार्टी का मोहताज न होकर उन्हें अपना मोहताज बना सकता है।